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वर्ल्ड एड्स डे 2024 की थीम है बेहद खास, जानें इतिहास और शुरुआती लक्षण

World Aids Day 2024: वर्ल्ड एड्स डे मनाने की शुरुआत कब हुई और साल 2024 का थीम क्या है। साथ ही जानें क्या होते हैं एचआईवी संक्रमण के शुरुआती लक्षण।

Aparajita लाइव हिन्दुस्तानSun, 1 Dec 2024 06:51 AM
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हर साल 1 दिसबंर को दुनियाभर में वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। ऐसा दिन जब लोगों को एचआईवी और एड्स के प्रति जागरुक किया जाता है। बीमारी से हो रही मौतों को याद कर लोगों के बीच ज्यादा से ज्यादा जागरुकता फैलाई जाती है। जिससे कि एड्स से पीड़ित होने के बाद भी लोग नॉर्मल लाइफ जी सकें। साल 2024 की वर्ल्ड एड्स डे की थीम भी बेहद खास है और साथ ही जानें आखिर क्यों वर्ल्ड एड्स डे मनाने की जरूरत महसूस हुई।

क्या है 2024 की थीम

वर्ल्ड एड्स डे की साल 2024 की थीम है टेक द राइट पथ-माई हेल्थ, माई राइट। ये थीम बताती है कि हर एचआईवी से पीड़ित इंसान का अधिकार है कि उसे सही ट्रीटमेंट, केयर, सर्विस और बचाव का तरीका मिले। इस थीम के जरिए 2030 तक दुनियाभर में एड्स को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा।

कब हुई वर्ल्ड एड्स डे मनाने की शुरुआत

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और UNAIDS की मदद से पहली बार 1988 में इस दिन को मनाया गया था। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के दो पब्लिक इनफॉर्मेशन ऑफिसर जेम्स डब्ल्यू बन और थॉमस नेटर ने इस दिन को मनाने कॉन्सेप्ट दिया था। जिससे बीमारी से मर रहे लोगों के सम्मान में और लोगों के बीच ज्यादा जागरुकता फैलाने के लिए वर्ल्ड एड्स डे की शुरुआत हुई।

कितना खतरनाक है एड्स

दुनियाभर में सबसे ज्यादा खतरनाक और गंभीर बीमारी है एड्स, जिसकी वजह से दुनियाभर में 2020 तक 47.8 मिलयन लोग मारे जा चुके हैं। वहीं लगभग 37.7 लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं।

एचआईवी संक्रमित लोग हैं सबसे ज्यादा खतरनाक

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक एचआईवी से संक्रमित लोगों की देखभाल करना और दूसरे लोगों को संक्रमण से बचाना सबसे ज्यादा भारी काम है। इस चैलेंज का सामना करने के साथ ही एड्स पीड़ित को इलाज दिया जाता है।

एड्स के शुरुआती लक्षण

एड्स से संक्रमित होने पर लगभग हर व्यक्ति में अलग-अलग लक्षण दिख सकते हैं। जिसमे से कुछ कॉमन है, जैसे-

बुखार होना

गले में खराश

सिर दर्द

लिम्फ नोड्स में सूजन

एड्स होने पर मरीज एचआईवी से इंफेक्टेड हो जाता है। जिससे इम्यनिटी सिस्टम पर असर पड़ता है। मरीज को लगातार डायरिया, वेट लॉस, रात में पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ, टीबी, हर्पीज, निमोनिया जैसी समस्या होने लगती है।

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