Preventive Tests For Heart Attack: हार्ट अटैक से बचने में मदद करेंगे ये दो टेस्ट, समय रहते करा लें
Preventive Tests For Heart Attack: हार्ट के एक्सपर्ट का मानना है कि अगर दिल से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या से जूझ रहे हैं तो समय रहते ये दो तरह के टेस्ट करा लें। जिससे हार्ट अटैक के रिस्क से बच सकें।

हार्ट अटैक का जोखिम दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। आम से लेकर खास लोग हार्ट अटैक के रिस्क से घिरे हैं। ऐसे में जरूरी है कि कुछ बचाव के उपाय किए जाए। लाइफस्टाइल और खानपान में बदलाव के अलावा ये जानना भी जरूरी है कि आपका हार्ट कितना ठीक है और किस तरह से काम कर रहा है। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर सही समय पर ये दो तरह के टेस्ट करवा लिए जाएं तो इससे हार्ट की हेल्थ का कुछ अनुमान लगाया जा सकता है। जिससे सही बचाव और उपाय के जरिए हार्ट अटैक के खतरे से कुछ हद तक बचा जा सकता है। इन दो टेस्ट को किसी भी उम्र में करवाया जा सकता है। जिससे दिल की बीमारियों के रिस्क से बचा जा सके।
सी टी एंजियोग्राफी टेस्ट
कॉर्डियोलॉजिस्ट हार्ट की हेल्थ को परखने के लिए सी टी एंजियोग्राफी टेस्ट को कराने की सलाह देते हैं। इंस्टाग्राम पर हार्ट के एक्सपर्ट बिमल चटर्जी इन दो टेस्ट को किसी भी उम्र में कराने की सलाह देते हैं। जिसमे से एक सी टी एंजियोग्राफी टेस्ट है। इस टेस्ट की मदद से ब्लड वेसल्स में हुई किसी भी तरह की दिक्कत का पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट की मदद से हार्ट कितनी ब्लॉकेज हो गई है। इसका पता लगाया जा सकता है।
सी टी एंजियोग्राम्स की मदद से ब्लड वेसल्स में सूजन या बलून जैसी फूलने की समस्या का पता लगाया जा सकता है।
ब्लड वेसल्स कहीं से कमजोर या फट तो नहीं गई है। इसका पता सी टी एंजियोग्राम्स से लग सकता है।
खून की वाहिकाओं में किसी भी तरह का प्लाक या ब्लॉकेज ना हो रहा हो।
इस टेस्ट की मदद से शरीर में हो रहे ब्लड फ्लो को भी पता लगाया जा सकता है। खासतौर पर पैरों में हो रही सर्कुलेशन की समस्या का पता।
स्ट्रोक या सेलेब्रल ब्लीडिंग का पता सी टी एंजियोग्राफी टेस्ट से हो सकता है।
सीरम लिपिड प्रोफाइल ब्लड टेस्ट
इस टेस्ट की मदद से ये पता लग सकता है कि खून में कितनी मात्रा में फैट है। इस टेस्ट को कोलेस्ट्रॉल टेस्ट भी कहते हैं। जिसकी मदद से खून में टोटल कोलेस्ट्रॉल का पता लगाया जाता है। साथ ही लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन कितना है, हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन कितना है, ट्राई ग्लिसरॉएड कितना है। इस सारे तरीकों के फैट का पता लगता है। जिससे भविष्य में होने वाले हार्ट अटैक को लेकर सतर्क रहा जा सकता है और सही इलाज, खानपान की मदद से दिल की बीमारियों के रिस्क को टाला जा सकता है।
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