हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर में अलग तरह से किया जाता है अनुलोम-विलोम, जानें सही तरीका how to do anulom vilom pranayam for high blood pressure and low blood pressure to relief symptoms, हेल्थ टिप्स - Hindustan
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हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर में अलग तरह से किया जाता है अनुलोम-विलोम, जानें सही तरीका

Breathing techniques for high BP and low BP: हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर में प्राणायाम को करने के दो अलग तरीके होते हैं। जिनसे ब्लड प्रेशर की वजह से होने वाली दिक्कतों से राहत मिलती है।

Admin लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीThu, 15 June 2023 12:39 PM
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हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर में अलग तरह से किया जाता है अनुलोम-विलोम, जानें सही तरीका

बॉडी को हेल्दी रखना है तो योग करना फायदेमंद होता है। योग शरीर की बहुत सारी बीमारियों में राहत पहुंचाता है और लगातार इसका अभ्यास कई बीमारियों को होने से भी रोकता है। अगर आप बीपी के मरीज हैं तो रोजाना प्राणायाम करना फायदेमंद होता है। प्राणायाम यानी सांसों पर नियंत्रण करने की प्रक्रिया। प्राणायाम 8 तरह के होते हैं। जिनमे से सबसे आसान अनुलोम-विलोम प्राणायाम है। जिसे करने से ब्लड प्रेशर की समस्या में आराम मिलता है। हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर में अलग-अलग तरह के अनुलोम-विलोम किए जाते हैं। जिसके बारे में सही जानकारी जरूरी है। यहां जानें हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर में कौन से अनुलोम -विलोम को करने से फायदा होगा।

लो ब्लड प्रेशर के लिए सूर्यभेदी प्राणायाम
ब्लड प्रेशर के लो रहने पर हमेशा सूर्यभेदी प्राणायाम करना फायदेमंद होता है। इससे मन स्थिर होता है और ऑक्सीजन शरीर में आराम से पहुंचती है। ये मन को शांत करता है। कई बार लो बीपी की समस्या से चक्कर आता है। सूर्यभेदी प्राणायाम चक्कर आने की गति को कम करता है और राहत देता है। इस तरह से करें सूर्यभेदी प्राणायाम।

लो ब्लड प्रेशर के लिए इस तरह करें सूर्यभेदी प्राणायाम
सूर्यभेदी प्राणायाम शरीर में हीट को बढ़ाता है। लो ब्लड प्रेशर के मरीजों का बॉडी हीट कम होता है। इसलिए इसे जरूर करना चाहिए। 

  • सबसे पहले सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • अपनी कमर, गर्दन और पीठ को बिल्कुल सीधा रखें।
  • दांए हाथ की दो उंगलियों की मदद से बाएं नाक के छेद को बंद करें। 
  • और, दाहिने नाक के छेद से सांस अंदर की तरफ खींचे। 
  • फिर, कुछ देर सासों को रोकने के बाद बाएं नाक के छेद से सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें। 
  • इतनी प्रक्रिया प्राणायाम का एक चक्र कहलाती है। 
  • अपनी क्षमता के अनुसार इस प्राणायाम को 5-10 मिनट तक रोजाना करें। 

सावधानियां

  • सूर्यभेदी प्राणायाम को करते वक्त बिगिनर्स को कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए। 
  • अगर आपने अभी प्राणायाम करना शुरु किया है तो सांसों को रोकने की बजाये तेजी से बांए नाक के छेद से छोड़ दें। 
  • शुरुआत में 1-2 मिनट तक ही प्राणायाम हो पाएगा। इसलिए रोजाना अभ्यास के साथ समय-सीमा बढ़ाएं।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम

जिन लोगों को ब्लड प्रेशर हाई रहने की शिकायत रहती है। उनके लिए चंद्रभेदी प्राणायाम करना फायदेमंद होता है। चंद्रमा नाड़ी से जुड़े इस प्राणायाम को करने से शरीर ठंडा होता है और हाई बीपी की वजह से होने वाली बैचेनी और घबराहट की समस्या कम होती है। 

कैसे करें चंद्रभेदी प्राणायाम

  • चंद्रभेदी प्राणायाम करने के लिए सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। 
  • फिर बाएं हाथ की उंगलियों की मदद से दांए नाक के छेद को बंद कर दें। 
  • और, बांए नाक के छेद से सांस खीचें।
  • फिर, सांसों को क्षमतानुसार रोककर रखें। 
  • दाहिने नाक के छेद से सांस को छोड़ें। 
  • इस प्रक्रिया को करीब 5-10 मिनट तक रोजाना करें। 

सावधानियां

  • प्राणायाम करते समय ध्यान रखें कि बिगिनर्स को सांस रोककर नहीं रखना है। सीथे बाएं नाक से सांस खींचकर दाएं नाक से छोड़ दें। 
  • दिल के मरीजों को बिना डाक्टर की सलाह के प्राणायाम करने से बचना चाहिए।

प्राणायाम करने के फायदे

  • रोजाना प्राणायाम करने से हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर से होने वाली समस्याओं में राहत मिलती है। 
  • बैचेनी, घबराहट दूर होती है। 
  • लो ब्लड प्रेशर में आने वाले चक्कर और आलस को दूर करने में मदद मिलती है। 
  • साथ ही मानसिक शांति भी मिलती है। 

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