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ब्रेस्ट में दिख रहे इन बदलावों को बिल्कुल ना करें अनदेखा, स्तन कैंसर के हो सकते हैं लक्षण

अक्तूबर के महीने को पिंक मंथ भी कहते हैं, जिसमें महिलाओं को स्तन कैंसर के प्रति जागरूक किया जाता है। जागरूकता इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पिछले कुछ सालों में स्तन कैंसर बहुत तेजी से भारत में फैल रहा है। स्तन कैंसर के क्या हैं लक्षण और दोबारा इसके शिकार होने से कैसे बचें, बता रही हैं स्वाति शर्मा।

Aparajita लाइव हिन्दुस्तानSat, 12 Oct 2024 12:41 PM
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स्तन कैंसर, संभव है कि यह नाम आपने बीते कुछ सालों में थोड़ा ज्यादा ही सुना हो। लेकिन एक चौंकाने वाली बात बताऊं? एक अध्ययन के मुताबिक अभी भी भारत की करीब 81 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से अनभिज्ञ हैं। उन्हें इसके लक्षणों के बारे में कुछ भी पता नहीं है। समझने वाली बात यह है कि नब्बे के दशक से ही अक्तूबर को स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता रहा है, फिर भी महिलाओं की इतनी बड़ी आबादी इस खतरे से अनजान है। स्तन कैंसर का इलाज भले ही उन्नत हुआ हो, पर भारत में इसके मामले घटने शुरू नहीं हुए हैं। देखा जाए तो हर साल स्तन कैंसर के मामलों में बढ़त देखने को मिल रही है, जिसमें स्त्री और पुरुष दोनों ही शामिल हैं। हालांकि पुरुषों में इसकी आशंका कम है, लेकिन वे इससे अछूते नहीं हैं।

स्तन कैंसर भारतीय महिलाओं को सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर हैऔर आज प्रत्येक 28 में से 1 महिला इससे पीड़ित है। ऐसे में यह आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है कि आप इसके लक्षणों को समझें और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें ताकि समय रहते जरूरी कदम उठाए जा सकें। स्तन कैंसर के बारे में किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज की ब्रेस्ट और एंडोक्राइन सर्जन डॉक्टर गीतिका नंदा सिंह कहती हैं कि इससे मृत्यु की आशंका बहुत कम है, बशर्ते इसे पहली और दूसरी स्टेज में पकड़ लिया जाए। तीसरी स्टेज पर आप खतरे के निशान पर आ जाती हैं और इलाज लंबे समय तक चलता है। इसलिए हर महीने पीरियड के सातवें दिन अपने स्तन की जांच खुद से करके इसके लक्षणों पर निगरानी बनाए रखना जरूरी है। स्तन कैंसर के कौन-कौन से हैं लक्षण, आइए जानें:

स्तन में गांठ

अगर आपको स्तन या स्तन के आसपास के क्षेत्र और बगल में गांठ महसूस होती है तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डॉक्टर गीतिका कहती हैं कि हर गांठ कैंसर नहीं होती है, लेकिन अगर स्तन में गांठ है तो उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। कैंसर की गांठ आमतौर पर बिना दर्द वाली होती हैं, लेकिन आकार बढ़ने के साथ दर्द महसूस हो सकता है।

स्तन या निप्पल का आकार बदलना

आपको अपने स्तन के आकार के बारे में बेहतर पता होता है। दोनों स्तनों के आकार में हल्का फर्क होना सामान्य है, लेकिन अगर आपको एक स्तन तुलनात्मक तौर पर ज्यादा असामान्य नजर आ रहा है तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा स्तन की त्वचा का लाल होना, उसमें खुजली होना, या स्तन र्में ंडपल या गड्ढे पड़ना स्तन कैंसर का लक्षण होता है। वहीं आपको अपनी निप्पल पर भी गौर करना चाहिए। अगर निप्पल अंदर की ओर धंस रही है तो आपको लापरवाही नहीं करनी चाहिए।

निप्पल से रिसाव

मां बनने के बाद निप्पल से दूध निकलना सामान्य है, लेकिन अगर आप नई मां नहीं हैं फिर भी निप्पल से रिसाव आ रहा है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। यह रिसाव कई अलग-अलग रंगों का हो सकता है। कभी-कभी निप्पल से खून का भी रिसाव होता है। इन सबको कैंसर का लक्षण माना जाता है, इसलिए रिसाव होने पर चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।

ताकि दोबारा न हो स्तन कैंसर

अगर आपको स्तन कैंसर हो चुका है तो जाहिर है कि आप एक कठिन डगर से पहले ही गुजर चुकी हैं। इसके बाद आपके मन में एक ही डर होगा कि कहीं यह दोबारा न आ जाए। आपकी आशंका लाजमी है और कैंसर के मामले में ऐसा अकसर देखने को भी मिलता है, लेकिन स्तन कैंसर के उन्नत इलाज के चलते इसकी आशंका बेहद कम हो चुकी है। फिर भी आपको इससे बचने के लिए कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए। स्तन कैंसर दोबारा न हो सके इसके लिए आपको अपने वजन पर नियंत्रण रखना होगा और सेहतमंद भोजन ही करना होगा। साथ ही आपको व्यायाम को जीवनशैली में शामिल करना होगा। इससे मेटाबॉलिज्म के साथ-साथ हॉर्मोन भी सही रहेंगे और गांठ बनने की आशंका बेहद कम हो जाएगी। इसके साथ ही कुछ खास तरह के योगासन और प्राणायाम जैसे मार्जरीआसन, मत्स्यासन और पेट से सांस लेना (डायफ्रामिक ब्रीदिंग) भी कैंसर की गांठ बनने की आशंका कम कर देते हैं। अपने इलाज को बीच में न छोड़ें और इसके पूरा हो जाने के बाद भी डॉक्टर के बताए तरीके और अवधि पर फॉलोअप लेती रहें और संबंधित जांच करवाती रहें। इन सभी बातों के साथ ही आपको तनाव को भी नियंत्रित रखना होगा क्योंकि तनाव के कारण भी कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।

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