गुइलेन बैरी सिंड्रोम संक्रामक बीमारी नहीं, बस लक्षण दिखने पर तुरंत करवाएं इलाज
What is guillain barre syndrome: स्वास्थ्य विशेषज्ञ जीबीएस की समस्या को मेडिकल इमरजेंसी के तौर पर देखते हैं, जिसमें रोगी को तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। इलाज न मिलने पर जान जाने का भी खतरा हो सकता है।
महाराष्ट्र में गुइलेन बैरी सिंड्रोम (जीबीएस) की बीमारी के 100 से अधिक मरीज मिले हैं। पुणे में इस बीमारी से एक मरीज की मौत भी हो गई। एम्स की प्रोफेसर डॉक्टर सुजाता शर्मा का कहना है कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है लेकिन लक्षण दिखने पर इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए। खुद इस बीमारी को मात दे चुकी एम्स की डॉक्टर सुजाता ने बताया कि यह संक्रामक बीमारी नहीं है। उन्होंने कहा कि गिलियन बैरे सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान के शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता उसकी के ही तंत्रिका तंत्र पर अटैक कर देती है। इस वजह से मरीजों को कमजोरी, सुन्न होने या फिर लकवा मारने जैसे दिक्कतें हो सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ जीबीएस की समस्या को मेडिकल इमरजेंसी के तौर पर देखते हैं, जिसमें रोगी को तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है। इलाज न मिलने पर जान जाने का भी खतरा हो सकता है। उन्होंने इस बीमारी से जुड़े सवालों के जवाब दिए
कब होती है यह बीमारी ?
गुइलेन बैरी सिंड्रोम बीमारी तब होती है जब बैक्टीरिया और वायरस की वजह से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता शरीर को बचाने के लिए सक्रिय होती है। इस ऑटोइम्यून बीमारी में प्रतिरोधक क्षमता शरीर के तंत्रिका तंत्र पर ही हमला करना शुरू कर देती हैं
गुइलेन बैरी सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?
इसके शुरुआती लक्षणों में अक्सर पैरों और उंगलियों में झुनझुनी या कमजोरी शामिल होती है, जो शरीर के ऊपरी हिस्से तक फैल सकती है। कुछ लोगों को सांस लेने, निगलने या बोलने में भी कठिनाई हो सकती है। गंभीर मामलों में, यह लकवे का कारण बन सकता है।
गुइलेन बैरी सिंड्रोम का क्या कारण है?
जीबीएस अक्सर फ्लू या पेट के कीड़े जैसे संक्रमण से शुरू होता है। कुछ मामलों में, यह टीकाकरण या अन्य बीमारियों से शुरू हो सकता है, लेकिन इसका सटीक कारण हमेशा स्पष्ट नहीं होता है।
क्या गुइलेन बैरी सिंड्रोम का इलाज किया जा सकता है?
हां, इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी इस बीमारी की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकती है। ये उपचार आमतौर पर अस्पताल में दिए जाते हैं, और शुरुआती उपचार से रिकवरी में सुधार हो सकता है।
गुइलेन बैरी सिंड्रोम ठीक होने में कितना समय लगता है?
रिकवरी अलग-अलग हो सकती है, लेकिन कई लोग कुछ हफ्तों या महीनों में ठीक होने लगते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को पूरी तरह से ठीक होने में सालों लग सकते हैं या उनके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं।
क्या गुइलेन बैरी सिंड्रोम संक्रामक है?
नहीं, यह संक्रामक नहीं है। यह एक ऐसा विकार है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अपनी ही नसों पर हमला करती है, न कि वायरस या बैक्टीरिया पर जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
गुइलेन बैरी सिंड्रोम होने का जोखिम किसे सबसे ज्यादा है?
वैसे तो यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन यह वयस्कों और वृद्ध व्यक्तियों में ज्यादा आम है। जिन लोगों को हाल ही में कोई संक्रमण हुआ है, खासतौर पर वायरल या बैक्टीरिया की वजह से , उनमें इसका जोखिम ज्यादा बना रहता है।
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