कॉफी पीने से पहले जान लें इन लोगों को भूलकर भी नहीं पीनी चाहिए, नहीं तो सेहत के लिए बन जाएगी मुसीबत
कॉफी पीने के साथ भले ही सुबह की सुस्ती दूर भाग जाती हो लेकिन ये कॉफी को अगर रोजाना पिया जाए। दो कप से ज्यादा पिया जाए तो ये कई सारी सेहत की समस्याओं को बढ़ा देता है। गैस, एसिडिटी के साथ ही कॉफी पीने से ग्लूकोमा और यूरिन में भी समस्या पैदा होने लगती है।
मॉर्निंग ड्रिंक में अक्सर लोग कॉफी पीना पसंद करते हैं। एनर्जी बूस्ट करने के साथ ही ये नींद भगाने में भी मदद करती है। अक्सर लोग सुस्ती भगाने के लिए कॉफी पीते हैं। कॉफी के कई सारे फायदे भी बताए गए हैं। अगर ब्लैक कॉफी पी जाए तो ये हार्ट फेलियर के रिस्क को कम करती है और प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क को भी घटाती है। लेकिन कॉफी के फायदे कम और नुकसान ज्यादा है। खासतौर उन लोगों को जो इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्हें कॉफी भूलकर भी नहीं पीनी चाहिए।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
कैफीन की वजह से बाउल रेगुलेरिटी बढ़ जाती है। कॉफी पीने से डायरिया होने के चांस रहते हैं। जो कि इरिटेबल बाउल सिंड्रोम का एक लक्षण है। जिन लोगों को बार-बार डायरिया होता है या लूज मोशन की समस्या रहती है। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम है तो उन्हें ज्यादातर कॉफी को अवॉएड करना चाहिए।
ग्लूकोमा के मरीज
रिसर्च के मुताबिक कैफीन की वजह से ग्लूकोमा का रिस्क बढ़ जाता है। कॉफी पीने की वजह से इंट्राऑक्यूलर प्रेशर उन लोगों में बढ़ जाता है जो ग्लूकोमा के मरीज हैं।
ओवर एक्टिव ब्लैडर
जिन लोगों को बार-बार यूरिन होने की शिकायत है उन्हें कॉफी पीने से परहेज करना चाहिए।
हार्ट डिसीज के लोगों को कॉफी पीने से बचना चाहिए
कॉफी पीने से हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर दोनों ही बढ़ जाता है। ऐसे में हाई बीपी वालों और हार्ट के मरीजों को कॉफी पीने से पूरी तरह से बचना चाहिए।
प्रेग्नेंट वूमन
द अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टैट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के मुताबिक प्रेग्नेंट वुमन को करीब 200 मिलीग्राम से ज्यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए। 200 मिलीग्राम लगभग दो कप। ज्यादा कॉफी मिसकैरेज, प्रीमेच्योर लेबर और लो बर्थ वेट को बढ़ा देती है। हालांकि प्रेग्नेंट वुमन के लिए कॉफी बिल्कुल भी सेफ नहीं होती ऐसे में इसे अवॉएड करने में ही भलाई है।
स्लीप डिसऑर्डर
जिन लोगों को नींद ना आने की समस्या है। उन्हें कॉफी से पूरी तरह से दूर रहना चाहिए। कॉफी की वजह से खराब नींद और सुस्ती की समस्या होती है। स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक करीब बेड टाइम के 6 घंटे पहले कॉफी को अवॉइड करना चाहिए।
पैनिक अटैक्स और एंजायटी के मरीजों को कॉफी नहीं पीनी चाहिए
कॉफी पीने से एंजायटी की समस्या बढ़ जाती है। अगर आप एंजायटी और उसकी वजह से पैनिक अटैक्स की समस्या से जूझ रहे हैं तो भूलकर भी कॉफी ना पिएं। रिसर्च के मुताबिक ज्यादा कॉफी पीने से पैनिक अटैक आने का खतरा रहता है।
गैस और एसिडिटी की समस्या होने पर
जिन लोगों को गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स की समसया है। उन्हें कॉफी के कप से दूर रहना चाहिए। कैफीन इसोफेगस और स्टमक के बीच के वॉल्व को ढीला कर देती है। जिसकी वजह से पेट में बनने वाला एसिड इसोफेगस में पहुंच जाता है और गैस्ट्रो इसोफेगल रिफ्लक्स की समस्या को बढ़ा देता है।
12 साल से कम उम्र के बच्चों को
बच्चों को कैफीन की छोटी मात्रा भी साइड इफेक्ट्स पहुंचाती है। कैफीन की वजह से हार्ट रेट बच्चों में बढ़ जाता है और साथ ही दिमाग को कंसन्ट्रेट करने में दिक्कत होती है। पेट की खराबी, गैस, डायरिया होने का डर रहता है। छोटे बच्चों में कॉफी पीने की वजह से भूख ना लगने की शिकायत हो जाती है। जिससे उन्हें जरूरी पोषण नहीं मिल पाता।
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