हाई कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकता है दिल की बीमारियों का खतरा, बचाव कर सकते हैं ये 3 योगासन
- Yoga Pose For Cholesterol: शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने से व्यक्ति को हार्ट संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल अकसर खराब लाइफस्टाइल, खान-पान में लापरवाही और सुस्त जीवनशैली का नतीजा होता है। जिसे आप अपने रूटीन में कुछ आसान योगासन शामिल करके कंट्रोल कर सकते हैं।

हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या आजकल लोगों के बीच एक कॉमन समस्या बनकर उभर रही है। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर व्यक्ति को हार्ट अटैक, स्ट्रोक, क्रोनरी आर्टरी डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और चेस्ट पेन जैसी समस्याओं के होने का खतरा भी बढ़ जाता है। दरअसल, तनाव भरी लाइफस्टाइल, खानपान की खराब आदतें और वर्कआउट की कमी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या को जन्म देती हैं। अगर आपको भी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या रहती है तो उससे निजात पाने के लिए आप अपने रूटीन में ये 3 आसान योगासन जरूर शामिल करें।
हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या को कंट्रोल रखेंगे ये 3 योगासन
वक्रासन
वक्रासन को हाफ स्पाइनल पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है, वक्र जिसका अर्थ है मुड़ा हुआ और आसन जिसका मतलब होता है योग मुद्रा। यह आसान पेट के अंगों को स्टिमूलेट करने में मदद करता है। जिससे मोटापा कम करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल को कम करने में भी मदद मिल सकती है। वक्रासन करने के लिए सबसे पहले पैरों को फैलाकर बैठने की स्थिति में शुरू करें और हाथों को बगल में जमीन पर टिका दें। अब पैरों के तलवे को जमीन पर टिकाते हुए बाएं पैर को थोड़ा सा मोड़ें। अब दाहिने पैर को सीधा जमीन पर रखते हुए सिर को बाईं ओर मोड़ें और दाहिने हाथ को बाएं पैर के ऊपर ले आएं। ऐसा करते हुए दाहिने हाथ को बाएं पैर के अंगूठे के ऊपर रखना चाहिए या दाहिने हाथ से बाएं टखने को पकड़ सकते हैं। अब बाएं हाथ को शरीर को सहारा देने के लिए पीछे रखें। इस स्थिति में सामान्य सांस लेते हुए इस आसन में कम से कम 30 सेकंड तक बने रहे। अब हाथों को धीरे-धीरे छोड़ते हुए आसन को छोड़ें। दाहिनी ओर मुड़ें और आगे की ओर देखें। हाथों को जमीन पर टिकाते हुए शरीर के बगल में ले आएं। बाएं पैर को नीचे करें और इसे जमीन पर टिका दें। योग का अभ्यास करने के बाद शवासन में आराम करें।
भुजंगासन
भुजंगासन को अंग्रेजी में कोबरा पोज के नाम से जाना जाता है। यह सूर्य नमस्कार के 12 आसनों में से सातवां आसन है। इस आसन को करने से शरीर सांप की आकृति बनाता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाते हुए चेस्ट को खोलता है। इसके अलावा इस आसन का नियमित अभ्यास ब्लड सर्कुलेशन में सुधार लाकर थायराइड ग्लैंड को भी फायदा पहुंचाता है, जो कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाता है। भुजंगासन करने के लिए सबसे पहले पेट के बल सीधा लेटकर पैरों के बीच थोड़ी दूरी रखें। इसके बाद हाथों को छाती के पास ले जाते हुए हथेलियों को नीचे टिका लें। अब गहरी सांस लेते हुए नाभि को ऊपर उठाएं और आसमान की तरफ देखें। इस मुद्रा में थोड़ी देर तक बने रहें और सामान्य सांस लेते रहें। इसके बाद दोबारा इसी अवस्था में आ जाएं। यह प्रक्रिया तीन-चार बार दोहराएं।
हलासन
हलासन को फॉरवर्ड बेन्डिंग पोज के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन थायराइड ग्लैंड को स्टिमूलेट करके पाचन में सुधार लाता है। इसके अलावा यह एड्रेनल ग्लैंड के लिए भी फायदेमंद है, जो कोलेस्ट्रॉल के संतुलन में अहम भूमिका निभाता है। हलासन करने के लिए सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिलाते हुए हथेलियों को कमर के पास जमीन से सटाकर रखें। ऐसा करते हुए मुंह आकाश की ओर रखते हुए आंखें बंद रखें। अब श्वास अंदर लें और पेट को सिकुड़कर पैरों को उठाएं। अपने दोनों पैरों का शरीर से समकोण (90 डिग्री एंगल) बनने पर सांस छोड़कर कमर और पीठ को पीछे झुकाने के लिए हाथों का सहारा लें। धीरे-धीरे पीठ और पैर को जमीन से लगाएं।
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