Janmashtami Panchamrit Recipes: जन्माष्टमी पर जरूर बनाएं पंचामृत का प्रसाद, नोट करें बनाने का सही तरीका
Janmashtami Panchamrit Recipes: इस साल श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त दोनों दिन ही मनाई रही है। जिसके बाद कान्हा के भक्त प्रसाद से लेकर कान्हा को सजाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
Janmashtami Panchamrit Prasad Recipe: इस साल श्रीकृष्ण जन्मोत्सव जन्माष्टमी 18 और 19 अगस्त दोनों दिन ही मनाई रही है। जिसके बाद कान्हा के भक्त प्रसाद से लेकर कान्हा को सजाने की तैयारियों में जुटे हुए हैं। जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण के लिए पंचामृत का प्रसाद जरूर बनाया जाता है। जिसे बाद में प्रसाद के रूप में लोगों के बीच बांटा जाता है। पंचामृत का सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही महत्व नहीं है बल्कि इसका सेवन करने से व्यक्ति को सेहत से जुड़े कई लाभ भी मिलते हैं। आइए जानते हैं क्या है पंचामृत बनाने का सही तरीका और इससे मिलने वाले फायदे।
पंचामृत का महत्व-
पंचामृत में पांच चीजों को शामिल किया जाता है, जिनका सेहत और धार्मिक दृष्टि से अपना एक खास महत्व है। धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो दूध शुद्ध और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है। तो वहीं घी शक्ति और जीत के लिए है। शहद मधुमक्खियां पैदा करती है इसलिए ये समर्पण और एकाग्रता का प्रतीक है। चीनी मिठास और आंनद तो दही समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। बात अगर सेहत की करें तो इसका सेवन करने से व्यक्ति को अनेक तरह के लाभ भी मिलते हैं। आइए जानते हैं क्या है पंचामृत बनाने का सही तरीका और इसका सेवन करने से सेहत को मिलने वाले फायदे के बारे में।
पंचामृत बनाने के लिए सामग्री-
-गाय का दूध- 1 गिलास
-गाय का दही- 1 गिलास
-गाय का घी- 1 चम्मच
-शहद- 3 चम्मच
-मिश्री अथवा शक्कर- स्वादानुसार
-कटे हुए तुलसी के पत्ते- 10
-कटे हुए मखाने- ड्राई फ्रूट्स - 20
पंचामृत बनाने की विधि-
पंचामृत बनाने के लिए सबसे पहले दही, दूध, एक चम्मच शहद, घी और चीनी को एक बर्तन में डालकर अच्छी तरह मथ लें। आप चाहे तो इन सब चीजों को मिक्सी में डालकर भी चला सकती हैं।
इसके बाद इसमें तुलसी के 8 से 10 पत्ते डालने के बाद कटे हुए मखाने और ड्राई फ्रूट्स मिलाएं। श्रीकृष्ण को भोग लगाने के लिए आपका पंचामृत बनकर तैयार हो चुका है।
पंचामृत के फायदे-
1-यह पित्त दोष को बैंलेस करता है।आयुर्वेद के अनुसार इसका सेवन करने से पित्त दोष को संतुलित रखने में मदद मिलती है।
2-पंचामृत इम्यून सिस्टम में सुधार करता है
3-यादाश्त को बढ़ाता है और रचनात्मक क्षमताओं को बढ़ावा देता है।
4-यह स्कीन के लिए भी काफी फायदेमंद हैं।
5-बालों को स्वस्थ रखता है।
6- आयुर्वेद की मानें तो अगर प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन किया जाए तो यह मां और भ्रूण दोनों स्वस्थ रहते हैं।
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