ओवेरियन सिस्ट का दर्द बन गया है मुसीबत तो राहत दे सकते हैं ये 2 योगासन, ये है करने का सही तरीका
- Yoga For Ovarian Cyst: ओवेरियन सिस्ट के दर्द से राहत पाने के लिए अधिकांश महिलाएं दर्द निवारक और गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लेती हैं। ये गोलियां समस्या को जड़ से खत्म करने की जगह दर्द को कुछ समय के लिए दबा देती हैं, जिसकी वजह से से शरीर में अन्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।

आज के समय में बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल, तनाव और खानपान की खराब आदतों की वजह से महिलाओं के बीच ओवेरिन सिस्ट की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है। यह समस्या कई बार हार्मोनल इंबैलेंस और पीसीओएस की वजह से भी महिला के लिए परेशानी का कारण बनती है। जिसमें महिला के अंडाशय (ओवरी) में छोटी-छोटी गांठें (सिस्ट) बन जाती हैं। ओवेरियन सिस्ट कई बार सामान्य होती हैं और बिना किसी इलाज के खुद ही ठीक भी हो जाती हैं, लेकिन कई मामलों में यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं। सिस्ट का आकार बड़ा होने पर पेट में तेज दर्द, अनियमित पीरियड्स, बढ़ता वजन और फर्टिलिटी संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। जिससे राहत पाने के लिए अधिकांश महिलाएं दर्द निवारक और गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लेती हैं। ये गोलियां समस्या को जड़ से खत्म करने की जगह दर्द को कुछ समय के लिए दबा देती हैं, जिसकी वजह से से शरीर में अन्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। अगर आप भी ओवेरियन सिस्ट के दर्द से राहत पाना चाहती हैं तो अपने रूटीन में ये दो योगासन जरूर शामिल करें।
ओवेरियन सिस्ट के कारण
-ओवरी और फैलोपियन ट्यूब में होने वाला संक्रमण।
-गर्भावस्था के दौरान।
-एंडोमेट्रियोसिस और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज।
-खराब लाइफस्टाइल और जंक फूड का अधिक सेवन।
ओवेरियन सिस्ट के दर्द में राहत दे सकते हैं ये 2 योगासन
चाइल्ड पोज
चाइल्ड पोज को बालासन के नाम से जाना जाता है। यह आसान महिलाओं की सेहत के लिए खासतौर पर बेहद फायदेंमंद है। यह पेल्विक की एक बेहतरीन एक्सरसाइज है। चाइल्ड पोज का अभ्यास पीठ, कूल्हों, जांघों और टखनों की स्ट्रेचिंग करने के साथ पीठ और कमर के दर्द में भी आराम देता है। इसके नियमित अभ्यास से पीरियड पेन और ऐंठन में राहत मिल सकती है। चाइल्ड पोज करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठकर सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए आगे की तरफ घुटने को मोड़े और आगे की तरफ झुकें। ऐसा करते हुए हाथों को सीधा फैलाकर रखें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहे और फिर वापस वज्रासन में आ जाएं।
बटरफ्लाई पोज
बटरफ्लाई पोज, जिसे तितली आसन या बद्धकोणासन भी कहते हैं, उसका नियमित अभ्यास पेल्विक एरिया की मसल्स को स्ट्रेच करता है जिससे पेल्विक से जुड़ी समस्याओं में आराम मिलता है। इसके अलावा पेल्विक एरिया में मौजूद इंफ्लेमेशन को कम करने में भी यह योगासन मदद कर सकता है। बटरफ्लाई पोज में बैठने के लिए दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपने घुटनों को मोड़कर पैर के तलवों को एक-दूसरे से मिलाएं और एड़ियों को शरीर के पास रखें। ऐसा करे हुए धीरे-धीरे घुटने को ऊपर और नीचे करें। घुटने को नीचे करने के लिए कोहनी का इस्तेमाल करें। लेकिन ऐसा करते समय कोशिश करें कि घुटने जमीन से टच न हो। आपको 30 से 40 बार ऊपर और नीचे की ओर पैर चलाने हैं, अभ्यास को आप धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं।
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