मेकअप की एक्सापायरी डेट को लेकर लापरवाह रहती हैं महिलाएं, ये हो सकते हैं नुकसान
- हमारी दुनिया में हम से जुड़ी क्या खबरें हैं? हमारे लिए उपयोगी कौन-सी खबर है? किसने अपनी उपलब्धि से हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा दिया? ऐसी तमाम जानकारियां हर सप्ताह आपसे यहां साझा करेंगी, जयंती रंगनाथन।

स्कूल ऑफ ह्यूमन साइंसेज में महिलाओं की मेकअप सामग्री को लेकर हाल ही में एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन के मुताबिक ज्यादातर महिलाएं मेकअप की सामग्री के एक्सापायरी डेट को लेकर लापरवाह रहती हैं। लंदन की मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने जब माइक्रोस्कोप से इस्तेमाल किए हुए मेकअप सामग्री को देखना शुरू किया तो उन्हें चौंकाने वाले परिणाम नजर आए। आईलाइनर, मस्कारा, लिप ग्लॉस, लिपस्टिक, फाउंडेशन और मेकअप ब्रश जैसे मेकअप प्रोडक्ट्स में 70 प्रतिशत अपने एक्सापायरी डेट को पार कर चुके थे। आई पेंसिल में इतने बैक्टीरिया थे जो पलकों के संपर्क में आने पर उन्हें तीव्र नुकसान पहुंचा सकते थे। बाथरूम में रखे जाने वाले मेकअप सामग्री में बैक्टीरिया संक्रमण होने की गुंजाइश अधिक रहती है। हवा से नमी मिलने की वजह से इसमें सूक्ष्मजीव बढ़ने लगते हैं। इसकी वजह से जलन, कंजेक्टेवाइटिस, त्वचा संबंधी संक्रमण और गंभीर इंफेक्शन तक हो सकते हैं। यही नहीं, मेकअप सामग्री अगर पुरानी पड़ गई है या संक्रमित हो गई है, तो इसके इस्तेमाल से शरीर की रोग प्रतिरोगी क्षमता भी कम हो सकती है।
मां का दूध सबके लिए नहीं
इन दिनों युवाओं में दीवानगी है बॉडी बनाने की और इसकी वजह से प्रोटीन की खपत वे अंधाधुंध करते हैं। पश्चिमी देशों में पिछले कुछ समय से इस बात पर बहस हो रही है कि ब्रेस्ट मिल्क वयस्कों के लिए भी क्या सुपर फूड का काम करती है? डेली मेल में प्रकाशित इस खबर के अनुसार इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि मां का दूध पीने से वयस्कों को फायदा होता है। इस खबर के अनुसार बाजार में अब ब्रेस्ट मिल्क आराम से मिलने लगा है। यूनवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सेन डिएगो में ह्यूमन मिल्क इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. लार्स बोड के अनुसार मां के दूध में बहुत सारा प्रोटीन होता है, जो शिशु की मांसपेशियों के तेजी से विकास में मददगार साबित होता है। बॉडी बिल्डर भी ऐसा ही चाहते हैं और इस वजह से ही ब्रेस्ट मिल्क की खपत वयस्कों में बढ़ रही है। पर, वैज्ञानिकों ने चेताया है कि इसका सेवन वयस्कों के लिए नुकसानदेह भी हो सकता है और ऑनलाइन इसकी उपलब्धता पर भी संदेह है। यह बीमारी युक्त हो सकता है और इसके जल्द संक्रमित होने का खतरा भी बना रहता है।
सही आहार जरूरी है हमारे लिए
मेडिकल न्यूज टुडे ने महिलाओं के आहार पर एक नये अध्ययन के हिसाब से यह बताया है कि हर रोज एक महिला की प्लेट में क्या-क्या होना चाहिए। अलग-अलग रंग की सब्जियां, कम से कम एक फल, प्रोटीन में अंडा, मछली, सोया या बीज, दाल, डेयरी उत्पाद में दूध, दही या चीज और सेहतमंद वसा में ऑलिव ऑयल, फिश ऑयल या अवाकाडो। इस अध्ययन के मुताबिक स्त्री के शरीर की संरचना पुरुषों से भिन्न होती है, इसलिए संतुलित आहार उनके लिए अधिक जरूरी होता है, जिससे वो पीरियड, गर्भावस्था और मेनोपॉज का सामना आराम से कर सकें।
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