जेनेटिक हेयर लॉस से जुड़े इन 3 मिथकों पर क्या आप भी करते हैं भरोसा?
- सएंड्रोजेनिक एलोपेसिया वंशानुगत या जेनेटिक हेयर लॉस का एक रूप है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में गंजेपन का कारण बनता है। यहां जेनेटिक हेयर लॉस से जुड़े 3 मिथकों की सच्चाई बता रहे हैं।
बालों के झड़ने से निपटना काफी मुश्किल होता है। कहते हैं कि अगर आपके माता-पिता या दादा-दादी में से कोई गंजा है, तो संभावना है कि आप भी गंजे हो सकते हैं। इसे जेनेटिक हेयर लॉस कहते हैं। आप पुरुषों और महिलाओं दोनों में जेनेटिक हेयर लॉस देख सकते हैं, जिसे पुरुष पैटर्न गंजापन और महिला पैटर्न गंजापन के रूप में जाना जाता है। जेनेटिक हेयर लॉस होने पर पुरुषों में बाल धीरे-धीरे पतले होते हैं, जो पीछे हटने वाली हेयरलाइन से शुरू होता है। यह स्थिति आपके सिर के शीर्ष क्षेत्र में गंजेपन की स्थिति पैदा कर देती है। वहीं महिलाओं में बहुत कम गंजे पैच दिखते हैं। हालांकि, महिलाएं सिर के ऊपर बालों का पतला होना देख सकते हैं।
मिथक 1- जेनेटिक हेयर लॉस केवल पुरुषों को होता है।
सच्चाई- महिलाओं में भी बालों का झड़ना काफी आम है। एक रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका में लगभग 30 मिलियन महिलाएं महिला पैटर्न गंजेपन का अनुभव करती हैं। वह बालों के ज्यादा पतले होने का भी अनुभव करती हैं। महिलाओं में बालों का झड़ना पुरुषों की तुलना में अलग तरह से होता है।
मिथक 2- वेट ट्रेनिंग गंजापन का कारण बनती हैं
सच्चाई- कई अध्ययन यह साबित करते हैं कि शारीरिक एक्टिविटीज टेस्टोस्टेरोन के लेवल को बढ़ाती हैं, लेकिन ऐसा कोई प्रमाण नहीं है जो एक्सरसाइज और बालों के झड़ने के बीच की पुष्टि करता हो। कहते हैं कि ज्यादा टेस्टोस्टेरोन स्तर वाले पुरुषों में पुरुष पैटर्न गंजापन की संभावना ज्यादा होती है।
मिथक 3-गंजापन नींद की कमी, तनाव या स्टाइलिंग के कारण होता है।
सच्चाई- तनाव, ज्यादा टाइट हेयर स्टाइल और नींद की कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकता है, लेकिन यह जेनेटिक हेयर लॉस से बिल्कुल अलग है। हालांकि, इन कारकों और बालों के झड़ने के बीच संबंध अच्छी तरह से आधारित नहीं है।
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