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शहर से गांव तक जमकर मतदान, वोट से नक्सलियों को दिया जवाब; संताल के लोगों में दिखा उत्साह

संताल परगना के छह जिलों में शहर हो या गांव, मतदाताओं ने घरों से निकलकर लोकतंत्र के पर्व खूब भागीदारी निभाई। जामताड़ा के मतदाता सबसे अधिक उत्साहित दिखे। जामताड़ा की दोनों विधानसभा सीटों में 70 से अधिक मतदान हुआ।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, धनबाद। मुकेश सिंहThu, 21 Nov 2024 07:01 AM
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संताल परगना के छह जिलों में शहर हो या गांव, मतदाताओं ने घरों से निकलकर लोकतंत्र के पर्व खूब भागीदारी निभाई। जामताड़ा के मतदाता सबसे अधिक उत्साहित दिखे। जामताड़ा की दोनों विधानसभा सीटों में 70 से अधिक मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग के अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, शाम पांच बजे तक जामताड़ा में 75.01 और नाला में 80.30 प्रतिशत मतदान हुआ। यानी जामताड़ा जिले में मतदान का औसत प्रतिशत 77.65 है। इसमें देर रात तक आंशिक संशोधन हो सकता है।

वहीं नक्सल प्रभावित कुछ इलाकों में लोकतंत्र के प्रति जनजातियों में गजब की जागरूकता देखने को मिली। शिकारीपाड़ा के मोहलबना बस्ती के पुलिस टुडू तीन-चार महिलाओं के साथ पैदल तकरीबन सात किलोमीटर दूर पथराकटा स्थित बूथ पर वोट देने गए। यह इलाका रामगढ़ गांव का है, जो नक्सली वारदातों को लेकर कुख्यात रहा है। पहाड़ी इलाका है और पहाड़ की तलहटी में बस्तियां बसी हुई हैं। संताल के साथ पहाड़िया जनजाति के लोग भी यहां निवास करते हैं। अपने गांव से सात किमी पैदल चलकर वोट देने पहुंचे पुलिस टुडू ने बताया कि शिकारीपाड़ा की मोहलबना बस्ती के आसपास कई बस्तियां हैं। वहां के लोग भी वोटर हैं और दस किलोमीटर तक पैदल चलकर वोट देने पहुंचे।

नक्सल प्रभावित इलाकों में थी कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था

कई इलाके नक्सल प्रभावित होने के कारण पुलिस-प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए। मतदान केंद्रों समेत आसपास के इलाकों में हथियारों से लैस जवान तैनात रहे। वहीं दुर्गम क्षेत्रों में भी चप्पे-चप्पे पर जवान पैनी नजर रखे हुए थे। शिकारीपाड़ा, जामताड़ा, पाकुड, साहिबगंज आदि जिलों के पहाड़ी इलाकों में भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी। जवानों की तैनाती पहाड़ों और तलहटी पर भी की गई थी।

बिहार-बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में वोटर दिखे उत्साहित

यूं तो संताल परगना में संताल जनजाति के लोग बहुतायत संख्या में हैं, लेकिन बिहार और बंगाल से सटे झारखंड के सीमाई क्षेत्रों में भाषा-संस्कृति मिली-जुली है। बिहार की सीमा से सटे देवघर, गोड्डा और साहिबगंज में सुबह से ही मतदाता पूरे उत्साह के साथ मताधिकार का प्रयोग किया। इसी प्रकार जामताड़ा, दुमका, पाकुड़ की चार-पांच सीटें बंगाल की सीमा से मिलती हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों के लोग भी मतदान को लेकर उत्साहित दिखे।

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