आदिवासी सीटें बनीं BJP की हार की बड़ी वजह, सिर्फ एक सीट पर मिली जीत; जानिए कौन और कहां जीता?
- पिछले चुनाव के मुकाबले BJP को 3 से 4 सीटों का नुकसान होता दिखाई दे रहा है। खास बात यह है कि इस आदिवासी बहुल राज्य में पार्टी इसी वर्ग का वोट हासिल करने में पूरी तरह से विफल रही है
झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे जैसे-जैसे सामने आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे राज्य की चुनावी तस्वीर साफ होती जा रही है। अब तक आए परिणामों और बढ़त के रुझानों को देखते हुए राज्य में एकबार फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले INDIA गठबंधन की सरकार बनना तय लग रही है।
खास बात यह है कि भाजपा के नेतृत्व वाला राजग गठबंधन अपने पिछले प्रदर्शन को भी दोहराता नहीं दिखाई दे रहा है। पिछले चुनाव के मुकाबले उसे 3 से 4 सीटों का नुकसान होता दिखाई दे रहा है। खास बात यह है कि इस आदिवासी बहुल राज्य में पार्टी इसी वर्ग का वोट हासिल करने में पूरी तरह से विफल रही है।
झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 37 सीटें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इनमें से भी 28 सीटें आदिवासी वर्ग के लिए हैं। और इन्हीं सीटों पर भाजपा गठबंधन की बुरी हार हुई है।
शनिवार को आए चुनाव परिणामों में भाजपा को इन 28 सीटों में से सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है। यह जीत भी सरायकेला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने दिलाई है, जो कि झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर पार्टी में आए हैं। इसके अलावा ST वर्ग के लिए आरक्षित एक भी सीट पर भाजपा का कोई प्रत्याशी नहीं जीत सका। आदिवासी समाज से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी सामान्य सीट से लड़े थे।
इस दौरान पार्टी को सरायकेला को छोड़ आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित बरहेट, बोरियो, महेशपुर, दुमका, घाटशिला, पोटका, चाईबासा, मझगांव, मनोहरपुर, खरसावां, तमाड़, तोरबा, गुमला, चक्रधरपुर, खुंटी, सिसई, बिशुनपुर, जगन्नाथपुर, लिट्टीपाड़ा, शिकारीपाड़ा, जामा, खिजरी, मांडर, सिमडेगा, कोलेबिरा, लोहरदगा और मनिका सीटों पर हार का सामना करना पड़ा।