झारखंड में कांग्रेस के स्ट्राइक रेट पर पड़ सकता है असर, अंदरखाने उठी बात से बढ़ी टेंशन!
- कांग्रेस के ही अंदरखाने बात उठने लगी है कि नाराज नेताओं की मदद पार्टी प्रत्याशियों को नहीं मिल सकती है। ऐसा होता है तो कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 2019 की तुलना में खराब भी हो सकता है।
झारखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के स्ट्राइक रेट पर पार्टी के बागियों और अंतर्विरोध के कारण असर पड़ सकता है। कांग्रेस जहां 2019 के मुकाबले कम सीटों पर चुनावी मैदान में है, वहीं पार्टी के संगठन प्रभारी केसी वेनुगोपाल के समक्ष विरोध का असर चुनाव में भी पड़ सकता है। टिकट बेचने से लेकर प्रत्याशी नहीं बदलने का भी विरोध हुआ।
अंदरखाने उठी बात से बढ़ी टेंशन!
ऐसे में कांग्रेस के ही अंदरखाने बात उठने लगी है कि नाराज नेताओं की मदद पार्टी प्रत्याशियों को नहीं मिल सकती है। ऐसा होता है तो कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 2019 की तुलना में खराब भी हो सकता है। 2019 में कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिनमें 16 में जीत मिली थी। इस बार कांग्रेस ने दो विधायकों को छोड़ बाकी सबको टिकट दिया है।
कांग्रेस का विरोध और अंतर्कलह से इनकार
कांग्रेस का मानना है कि पार्टी में कोई विरोध और अंतर्कलह नहीं है। पार्टी नेताओं में जो कुछ नाराजगी थी, उन्होंने अपनी बात रख दी है। अब सभी पार्टी व गठबंधन के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित कराने के लिए लगे हुए हैं। बावजूद इसके पार्टी का एक धड़ा बेधड़क कह रहा है कि विरोध का असर सीधा चुनाव पर पड़ेगा। टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्टी में वर्षों से समर्पित नेता व कार्यकर्ता जोश के साथ चुनाव में नहीं जुड़ पाएंगे। नए प्रत्याशी सामने आने पर जिला व प्रखंड स्तर के पार्टी कार्यकर्ता मदद करने से पीछे हट सकते हैं। दो-तीन विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी को इसकी शिकायत भी मिल चुकी है। प्रत्याशी कार्यकर्ताओं की मदद नहीं मिलने की बात भी कह रहे हैं।
कांग्रेस में टिकट नहीं बिकता : कमलेश
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि कांग्रेस में टिकट नहीं बिकता है। आलाकमान काम के आधार पर, प्रत्याशी की लोकप्रियता और सामाजिक ताना-बाना को देखकर टिकट देता है।