Hindi Newsझारखंड न्यूज़Work was being done with child laborers of Jharkhand in Bangle factories of Jaipur

जयपुर की चूड़ी फैक्ट्रियों में लिया जा रहा था झारखंड के बाल मजदूरों से काम

झारखंड के बाल श्रमिकों को तस्करी कर राजस्थान के जयपुर में पहुंचाया गया था। बच्चों की तस्करी में दुमका की एक महिला समेत तीन दलालों की संलिप्तता की बात कही जा रही है। मुक्त कराए गए बच्चों की उम्र...

rupesh धनबाद,कार्यालय संवाददाता, Sun, 23 Aug 2020 02:16 AM
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झारखंड के बाल श्रमिकों को तस्करी कर राजस्थान के जयपुर में पहुंचाया गया था। बच्चों की तस्करी में दुमका की एक महिला समेत तीन दलालों की संलिप्तता की बात कही जा रही है। मुक्त कराए गए बच्चों की उम्र अधिकतम 15 वर्ष है। इन 38 बच्चों से जयपुर में चूड़ी फैक्ट्री में मजदूरी करायी जी रही थी। यह खुलासा शनिवार को बच्चों से प्रारंभिक पूछताछ में हुई। 

दरअसल शुक्रवार की रात साढ़े 11 बजे जोधपुर एक्सप्रेस से जयपुर से मुक्त कराए गए 38 बाल श्रमिकों को धनबाद लाया गया था। यह बच्चे पलामू, देवघर, दुमका और चतरा जिले के रहनेवाले हैं। फिलहाल इन्हें पॉलीटेक्निक स्थित हॉस्टल में क्वारंटाइन किया गया है। शनिवार को चाइल्डलाइन और सीडब्ल्यूसी के साथ मेडिकल टीम पॉलीटेक्निक पहुंची और सभी बच्चों की कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया। सीडब्ल्यूसी के देवेंद्र शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

38 में 24 बच्चे सिर्फ चतरा जिले के : बरामद बच्चों में एक भी धनबाद का नहीं है। 38 में से सिर्फ चतरा जिले के ही 24 बच्चे शामिल हैं जबकि पलामू के 8, देवघर चार और दुमका के दो बच्चे हैं। दरअसल चतरा में बच्चों की निगरानी के लिए सीडब्ल्यूसी नहीं है। 
 
पिछले तीन माह से होप हाउस में रह रहे हैं 24 बच्चे :
लॉकडाउन में जयपुर प्रशासन ने जब कई फैक्ट्रियों में छापेमारी की तब न सिर्फ फैक्ट्रियां चालू मिलीं, बल्कि उसमें बाल श्रमिक भी बरामद किए गए। लॉकडाउन के समय से ही चतरा के 24 बच्चे जयपुर सीडब्ल्यूसी की निगरानी में होप हाउस में रह रहे थे। हाल के दिनों में अन्य फैक्ट्रियों में छापेमारी कर और बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया। शुक्रवार को एक साथ 38 बच्चों को जोधपुर एक्सप्रेस से विशेष निगरानी में धनबाद भेज दिया गया।

परिजनों से की जाएगी पूछताछ : सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने बताया कि सभी के परिजनों को सूचना दी गई है। कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के बाद जल्द ही परिजन धनबाद आएंगे।  संबंधित जिले की सीडब्ल्यूसी की निगरानी में बच्चों को उनके परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा। हालांकि इससे पूर्व परिजनों से पूछताछ की जाएगी कि किस अवस्था में बच्चे झारखंड से जयपुर पहुंचे। किन-किन लोगों ने फैक्ट्रियों तक बच्चों को पहुंचाने में दलालों की भूमिका है। बच्चों को कितना मानदेय दिया जाता था। 

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