lockdown 5 : झारखंड में बढ़ेगा लॉकडाउन, सीएम हेमंत सोरेन जल्द लेंगे फैसला, हो जाएं तैयार
झारखंड में लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। यह संकेत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा। संक्रमण फैलने की गति और रिकवरी दर का...
झारखंड में लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। यह संकेत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए हैं। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि कोरोना संक्रमण के व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा। संक्रमण फैलने की गति और रिकवरी दर का आकलन करने के बाद जरूरत पड़ी तो राज्य में लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा। लॉकडाउन में ढील की कोई जल्दबाजी नहीं है। सीएम ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण करके राज्य के लोगों की जिंदगी बचाना है।
कोरोना संक्रमण बढ़ने से हतोत्साहित नहीं : मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कोरोना संक्रमण बढ़ने से हतोत्साहित नहीं हैं। राज्य में कोरोना प्रबंधन की वजह से ही अन्य राज्यों से विपरीत झारखंड में कहीं भी अराजकता का माहौल नहीं है। कहीं भी सड़कों पर प्रवासी मजदूर पैदल चलते नहीं दिख रहे हैं।
मजदूरों का मूवमेंट जल्द खत्म करने की कोशिश : सीएम ने कहा कि जल्द से जल्द मजदूरों का मूवमेंट खत्म करने की कोशिश की जा रही है। ताकि लोगों की जिंदगी को सामान्य बनाने के लिए कार्य योजना पर काम शुरू हो सके। इसी कड़ी में लद्दाख में फंसे श्रमिकों को विमान से लाया गया। अंडमान में फंसे करीब 320 श्रमिकों को रविवार तक लाया जाएगा।
पांच लाख को मिला रोजगार : सीएम ने कहा कि झारखंड लौट रहे एक-एक प्रवासी की स्किल, स्थान आदि के आधार पूरी मैपिंग की जा रही है। कई जिलों में अग्रिम कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है। काम के लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लांच की गई तीनों योजनाओं पर काम शुरू हो गया है। इन योजनाओं में पांच लाख को रोजगार मिल चुका है। अगला लक्ष्य दस लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने का है। कृषि क्षेत्र में भी लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। शहरी क्षेत्रों में भी जल्द बड़े पैमाने पर रोजगार की योजनाएं लांच की जाएगी।
कहीं पर भी फंसे प्रवासी को लाएगी सरकार : सीएम ने कहा कि अब तक देश के विभिन्न राज्यों में फंसे करीब 4.5 लाख प्रवासी लोग झारखंड वापस आ चुके हैं, लेकिन अभी भी देश के कई दुर्गम स्थानों पर लोग फंसे हैं। इन्हें ट्रेन या आम यातायात के माध्यम से लाना बहुत मुश्किल है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि श्रमिक जहां भी फंसे होंगे, सरकार उन्हें वापस लाएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण मजदूर मानसिक तनाव में है। श्रमिकों को मानसिक तनाव से निकलकर सामान्य जीवन देना जरूरी है।