Hindi Newsझारखंड न्यूज़Warriors went home after defeating Corona in Dhanbad ready to front again

धनबाद में कोरोना को मात देकर घर गए योद्धा, फिर मोर्चे को हैं तैयार

जिस कोरोना से पूरा विश्व सहमा हुआ है, उसे धनबाद के दो कोरोना योद्धाओं ने आसानी से मात दे दी। ये योद्धा हैं सदर के दो लैब टेक्नीशियन। कोरोना संक्रमित इन योद्धाओं ने मात्र सात दिन में इस वायरस को अपने...

rupesh धनबाद वरीय संवाददाता, Wed, 3 June 2020 01:14 AM
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जिस कोरोना से पूरा विश्व सहमा हुआ है, उसे धनबाद के दो कोरोना योद्धाओं ने आसानी से मात दे दी। ये योद्धा हैं सदर के दो लैब टेक्नीशियन। कोरोना संक्रमित इन योद्धाओं ने मात्र सात दिन में इस वायरस को अपने शरीर के नष्ट करने में कामयाबी हासिल की और मंगलवार को कोविड-19 हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर घर लौट गए। डिस्चार्ज होने के साथ ही दोनों ने कोरोना के खिलाफ देश में चल रहे युद्ध में अपनी भागीदारी निभाने की तैयारी शुरू कर दी है। 

दोनों ने कहा है कि 14 दिनों का क्वारंटाइन पूरा होते ही वे वापस सदर अस्पताल में अपना काम शुरू कर देंगे।  कोविड-19 हॉस्पिटल के गेट पर सदर अस्पताल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने फूलों की माला पहलाकर दोनों का स्वागत किया। 

हौसला बढ़ता गया और डर घटता गया : कोरोना संक्रमण की चपेट में आई सदर की महिला लैब टेक्नीशियन कहती हैं कि 26 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया। काफी डर लग रहा था। अपने से ज्यादा अपनी चार माह की बच्ची, पति और घर के दूसरे सदस्यों के लिए डरी हुई थी। डर था कि संक्रमण कहीं उनतक न फैल गया हो, पूरी रात सोचती रही। फिर लगा कि चिंता करने का फायदा नहीं। मुकाबला करना ही बेहतर है और हर आने वाले कल के लिए मैं आज ही तैयार रहती थी। परिजनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई तो हौसला और बढ़ गया। इसी तरह हर एक दिन हौसला बढ़ता गया और डर कम होता गया। डॉक्टरों की सलाह के अनुसार शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने की कोशिश करती रही और आज परिणाम सबके सामने है। 14 दिन बाद मैं दोबारा लोगों के सैंपल लेती दिखुंगी। 

आप मजबूत बने रहेंगे, तो कमजोर होगा कोरोना : सदर के दूसरे लैब टेक्नीशियन ने कहा कि कोरोना काफी कमजोर वायरस है। बस आपको मजबूत रहकर मुकाबला करना होगा। जैसे मैंने किया और मेरे जैसे अन्य लोग कोविड-19 हॉस्पिटल में कर रहे हैं। महिला सहकर्मी के साथ इस टेक्नीशयन की रिपोर्ट भी 26 मई को पॉजिटिव आई थी और एक मई को दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव हो गई। इसने बताया कि रिपोर्ट को छोड़ दें तो उसे इस वायरस से संक्रमित होने का कोई शारीरिक अनुभव नहीं हुआ। न ही कोई खास दवाई लेनी पड़ी। थोड़ी सामवधानी और हिम्मत के सामने कोराना खुद ब खुद हार गया। इनके अनुसार हॉस्पिटल जाते समय मन में कई नकारात्मक ख्याल आ रहे थे। सदमा था। मैंने अपनी इस स्थिति को भांप लिया और अपने आपको संभला। मन को स्थिर किया और कोरोना से लड़ने की ठान ली।

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