Hindi Newsझारखंड न्यूज़The State Topper of the Matriculation said - read as much as you can by reading the book for hours

मैट्रिक की स्टेट टॉपर ने कहा-किताब लेकर घंटों बैठने से अच्छा उतना ही पढ़ें जितना सीख सकें  

जरूरी ये नहीं है कि हम घंटों किताब लेकर बैठे रहें, जरूरी ये है कि हम जितना सीख सकते हैं उतनी देर पढ़ाई जरूर करें। सोशल मीडिया ध्यान भटकाता है इसलिए इससे दूर ही रहें तो अच्छा है। मैंने उम्मीद लगाई थी...

  रांची हजारीबाग, गौरव पुष्कर प्रसन्न मिश्र  Thu, 16 May 2019 08:33 PM
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जरूरी ये नहीं है कि हम घंटों किताब लेकर बैठे रहें, जरूरी ये है कि हम जितना सीख सकते हैं उतनी देर पढ़ाई जरूर करें। सोशल मीडिया ध्यान भटकाता है इसलिए इससे दूर ही रहें तो अच्छा है। मैंने उम्मीद लगाई थी कि मैं झारखंड में टॉप कर सकती हूं, क्योंकि इसके लिए मैंने अन्य छात्रों से अलग तैयारी की थी। यह कहना है 10वीं की परीक्षा में स्टेट टॉपर बनीं प्रिया राज का। प्रिया को जैक बोर्ड के अब तक के इतिहास में 10वीं में सबसे ज्यादा 99.20 फीसदी अंक मिले हैं। प्रिया को अंग्रेजी, गणित और म्यूजिक में 100 में 100 नंबर मिले हैं। 

स्कूल की पढ़ाई के बाद करती थी सेल्फ स्टडी
इंदिरा गांधी बालिका स्कूल की छात्रा प्रिया ने बताया कि स्कूल में छह से आठ घंटे तक पढ़ाई के बाद दो से तीन घंटे एक्सट्रा क्लास होता था। इसके बाद तीन से चार घंटे तक सेल्फ स्टडी करती थी। तनाव भगाने के लिए परीक्षा के दौरान कुछ गेम्स भी खेलती थी। प्रिया ने कहा कि शारीरिक गतिविधियों से पढ़ाई का तनाव काफी हद तक दूर होता था। परीक्षा के दौरान खाने में दलिया, फल  और दूध लिया। हर समय हल्का भोजन ही किया जिससे थकावट नहीं होती थी। 

माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों ने लगातार हौसला बढ़ाया
रांची के सिरमटोली निवासी प्रिया ने कहा कि मेरी मां शुरुआत से ही मुझे पढ़ाती रही हैं और आज भी पढ़ाती हैं। नर्सरी से पांचवीं तक की पढ़ाई मैंने प्राथमिक विद्यालय सिरमटोली से की। इसके बाद इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश परीक्षा के बाद मेरा वहां दाखिला हो गया। इस स्कूल के बारे में बचपन से ही सुना था कि वहां सबसे अच्छी पढ़ाई होती है और शिक्षक भी बेहतरीन हैं। मेरे परिवार का मुझपर ज्यादा भरोसा था, उन्होंने हर पल मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। स्कूल की शिक्षिका रेणु ठाकुर, प्राभारी प्राचार्य अदिति लाल, ममता मिश्र, डॉ मजीद सुलेमान ने पढ़ाई में काफी मदद की। 

आईआईटी कर इंजीनियर बनना चाहती हैं 
भविष्य के बारे में पूछे जाने पर प्रिया ने कहा कि वह इंजीनियरिंग करना चाहती है। आगे वह आईआईटी करेंगी। बोकारो के चिन्मया से 12 वीं करने की उसकी योजना है।  

रांची में हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं पिता 
प्रिया के पिता बसंत जी तिवारी की रांची के चुटिया में हार्डवेयर की दुकान है। मां बबीता देवी बीए ऑनर्स हैं। प्रिया के दो भाई कर्नाटक में पढ़ाई कर रहे हैं। एक दसवीं की परीक्षा देने वाला है और दूसरा इस साल दसवीं में गया है। 
 

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