Hindi Newsझारखंड न्यूज़Strike: Coal production and dispatch stalled in coalfields on day one

हड़ताल : कोयलांचल में पहले दिन कोयला उत्पादन और डिस्पैच ठप

कोयले की कॉमर्शियल माइनिंग सहित पांच मुद्दों को लेकर श्रमिक संगठनों की तीन दिन हड़ताल गुरुवार को शुरू हो गई। हड़ताल का पहला दिन बीसीसीएल, ईसीएल और सीसीएल में असरदार रहा। उत्पादन एवं डिस्पैच ठप कर...

rupesh धनबाद बोकारो। विशेष संवाददाता, Fri, 3 July 2020 01:13 AM
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कोयले की कॉमर्शियल माइनिंग सहित पांच मुद्दों को लेकर श्रमिक संगठनों की तीन दिन हड़ताल गुरुवार को शुरू हो गई। हड़ताल का पहला दिन बीसीसीएल, ईसीएल और सीसीएल में असरदार रहा। उत्पादन एवं डिस्पैच ठप कर दिया गया। कुछ आउटसोर्सिंग प्रोजेक्ट को छोड़ दें तो अन्य सभी कोयला परियोजनाएं प्रभावित हुईं। डिपार्टमेंटल प्रोजेक्ट पूरी तरह ठप रहे।  

बीसीसीएल के धनबाद जिले की कोलियरियों में इस समय 66 हजार टन कोयला उत्पादन होता है। वहीं कोयले की ढुलाई पिछले चार-पांच दिन से प्रतिदिन एक लाख टन तक है। पहली पाली के आंकड़ों के आधार पर देखें तो हड़ताल से लगभग 75 प्रतिशत तक उत्पादन-डिस्पैच प्रभावित हुआ है।  

ईसीएल की चितरा कोलियरी में हड़ताल असरदार रही। कोलियरी के 721 अधिकारी व मजदूरों में से मात्र 53 ने बनायी हाजिरी। कोयला उत्पादन व डिस्पैच रहा ठप। ईसीएल की राजमहल परियोजना ललमटिया खदान में काम पूरी तरह ठप कर दिया गया। उत्पादन व प्रेषण सुबह से ही बंद रहा। 

सीसीएल के बेरमो कोयलांचल में हड़ताल के पहले दिन 20 हजार टन कोयला उत्पादन ठप रहा। 11500 कोयला मजदूरों में अधिकांश ने हाजिरी नहीं बनायी। ढोरी, बीएंडके व कथारा की परियोजनाओं में  सन्नाटा पसरा रहा। गिरिडीह कोलियरी को 20 लाख का नुकसान माना जा रहा है। यहां कोयला उत्पादन व ढुलाई का काम पूरी तरह ठप रहा। 

 हड़ताल को लेकर सभी पांच सेंट्रल ट्रेड यूनियनें सहित स्थानीय यूनियनें भी सक्रिय दिखीं। श्रमिक संगठनों ने हड़ताल के पहले दिन को शत प्रतिशत सफल करार दिया गया। बयान में कहा गया कि मजदूरों की एकता देख अब केंद्र सरकार को कॉमर्शियल माइनिंग की जिद छोड़ देनी चाहिए। यूनियनों की ओर से चेतावनी दी गई कि मजदूर हितों की रक्षा तथा कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध के लिए जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकालीन हड़ताल भी करेंगे।  
 
बीसीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि हड़ताल से कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच पर असर पड़ा है। डिपार्टमेंटल काम पूरी तरह प्रभावित रहा। वहीं आ0टसोर्सिंग प्रोजेक्ट में कमोवेश काम चला। ट्रेड यूनियनों को बीसीसीएल हित में अब हड़ताल स्थगित कर देनी चाहिए। कॉमर्शियल माइनिंग से बीसीसीएल पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। बीसीसीएल के हित के बारे में सबको सोचना होगा।  2023-24 तक बीसीसीएल खदानों के विकास में पांच हजार करोड़ तक निवेश करने वाली है। 

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