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Odisha Train Accident: 2 जवान बेटों और दामाद को लील गया 'ओडिशा ट्रेन हादसा', घरवालों की चीत्कार से दहला गांव

दुमका जिला के जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत सिमरिया पंचायत स्थित मठकारा गांव के रहने वाले सोनवा के 2 जवान बेटे और दामाद उसी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे जो बालासोर में हादसे का शिकार हो गई।

Suraj Thakur लाइव हिन्दुस्तान, दुमकाThu, 8 June 2023 02:28 PM
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Odisha Train Accident: ओडिशा ट्रेन हादसे ने झारखंड के दुमका के रहने वाले सोनवा मरांडी के 2 जवान बेटों और दामाद को छीन लिया। दुमका जिला के जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत सिमरिया पंचायत स्थित मठकारा गांव के रहने वाले सोनवा के 2 जवान बेटे और दामाद उसी कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार थे जो बालासोर में हादसे का शिकार हो गई। बालासोर ट्रेन हादसे में 70 वर्षीय सोनवा मरांडी के बेटे देवेश्वर मरांडी और मेरुलाल मरांडी की मौत हो गई। दामाद नाइकी टुडू ने भी हादसे में जान गंवा दी। सोनवा को अपने 2 छोटे पोतों के परवरिश की चिंता सता रही है। हादसे ने इस परिवार का सहारा छीन लिया है। हालात ऐसे हैं कि सोनवा मरांडी सहित पूरे परिवार पर आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। सोनवा मरांडी कहते हैं कि दोनों बेटे परदेश में जो कमाकर भेजते थे उसी से जिंदगी चल रही थी। 

शवों की शिनाख्त करने भुवनेश्वर गए सोनवा
जानकारी के मुताबिक 70 वर्षीय सोनवा मरांडी फिलहाल शवों की शिनाख्त करने भुवनेश्वर गए हैं। पीछे महिलाओं के चीत्कार से पूरा गांव मर्माहत है। परिवार को 3 जवान जिंदगियों को खोने का दुख तो है ही, चिंता इस बात की भी है कि अब 70 वर्ष के हो चले सोनवा आखिर क्या काम करके परिवार का गुजारा चलाएंगे। खुद सोनवा के पास भी इसका कोई जवाब नहीं है। ओडिशा रेल हादसा सैकड़ों परिवारों को कभी ना खत्म होने वाला दर्द दे गया है। 

दुमका से भारी संख्या में होता है युवाओं का पलायन
ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिवर्ष दुमका के अलग-अलग गांवों से सैकड़ों युवा तमिलनाडु सहित दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में जाते हैं। वहां से वे जो पैसा भेजते हैं उसी से गुजारा चलाते हैं। पिछले साल मानसून की दगाबाजी से पूरे संताल परगना में खेती नहीं हुई और इसने आजीविका के सवाल को और भी चिंताजनक बना दिया। उत्पादन नहीं हुआ तो लोग पलायन को मजबूर हो गए। 

2 जून को ओडिशा के बालासोर में हुआ था हादसा
गौरतलब है कि 2 जून को ओडिशा के बालासोर जिला स्थित बहानगा रेलवे स्टेशन के पास शीलामार-मद्रास कोरोमांडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा कर डीरेल हो गई। बेपटरी हुए डब्बे दूसरी मेन लाइन से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन से टकरा गए। इस हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। उस मार्ग में धीरे-धीरे आवागमन सुचारु हो रहा है। गौरतलबह है कि खुद प्रधानमंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया वहीं रेलमंत्री अश्विनी बैष्णव हालात सामान्य होने तक वहीं मौजूद थे। 

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