झारखंड को राहत, डीवीसी ने बिजली कटौती का निर्णय टाला
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के आग्रह पर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने कुछ दिनों के लिए बिजली कटौती के निर्णय को टाल दिया है। इस निर्णय से डीवीसी कमांड से जुड़े इलाकों को राहत मिलेगी।...
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के आग्रह पर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने कुछ दिनों के लिए बिजली कटौती के निर्णय को टाल दिया है। इस निर्णय से डीवीसी कमांड से जुड़े इलाकों को राहत मिलेगी। हालांकि कटौती से राहत संबंधी कोई आधिकारिक बयान डीवीसी के तरफ से जारी नहीं किया गया है।
पिछले दिन डीवीसी ने बकाया भुगतान को लेकर जेबीवीएनएल को पत्र लिखा था। बकाया नहीं देने की स्थिति में एक जुलाई से बिजली कटौती की बात कही गई थी। जेबीवीएनएल ने पत्र का जबाव देते हुए बिजली कटौती नहीं करने का आग्रह किया था। पत्र के आलोक में मंगलवार को डीवीसी के उच्चाधिकारियों की बैठक में फिलहाल कुछ दिनों तक बिजली कटौती नहीं करने का निर्णय लिया गया।
बकाया मामले में दोनों का दावा अलग-अलग: डीवीसी 5670 करोड़ रुपए बकाया का दावा कर रहा है, जबकि जेबीवीएनल मात्र 3500 करोड़ रुपए बकाया की बात कह रहा है। फरवरी में हुए विवाद के बाद जेबीवीएनल ने 400 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। अब फिर बकाया 5670 करोड़ रुपए हो गया है। डीवीसी ने पिछले दिन जेबीवीएनएल को पत्र लिखकर 30 जून तक बकाया भुगतान नहीं करने पर बिजली आपूर्ति में कटौती की बात कही थी।
डीवीसी सात जिलों में करता है आपूर्ति: डीवीसी राज्य के सात जिलों धनबाद, बोकारो, कोडरमा, गिरिडीह, रामगढ़, चतरा और हजारीबाग जिलों मे बिजली की आपूर्ति करता है।
डीवीसी के अधिकारियों के मुताबिक पिछले दिन हुए समझौते में 24 किस्त में बकाया भुगतान किया जाना था। साथ ही हर माह नियमित बिल का भुगतान करना था। जेबीवीएनल ने समझौते को पूरा नहीं किया। इसलिए बिजली कटौती की बात कही गई थी।
कुछ दिनों की मिली मोहलत: डीवीसी के उच्चधिकारियों की मंगलवार को बैठक हुई। इसमें बकाए पर चर्चा हुई। एक जुलाई से बिजली आपूर्ति में कटौती पर विचार किया गया। सूत्रों के मुताबिक बैठक में अभी कुछ दिन यथास्थिति बने रहने देने का निर्णय लिया गया। हालांकि इस मामले में डीवीसी के अधिकारी अधिकारिक बयान देने से कतरा रहे हैं। उन्होंने केवल इतना कहा कि अभी कुछ दिनों तक कटौती नहीं होगी। आगे इस पर निर्णय लिया जाएगा।
डीवीसी ने कटौती की तो माकूल जवाब देंगे : डीवीसी के एक बार फिर अल्टीमेटम का सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने विरोध किया है। झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने कहा है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार का बकाया झारखंड पर लादा जा रहा है। सरकार डीवीसी का बकाया भुगतान करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। फिर भी बार-बार अल्टीमेटम देना समझ के बाहर है। डीवीसी बिजली उत्पादन झारखंड के संसाधनों से करती है। उसके बावजूद झारखंड के प्रति ऐसा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि अब अगर डीवीसी ने कटौती की तो जेएमएम के कार्यकर्ता इसका जवाब देंगे।
उपभोक्ताओं से बिल की राशि काफी कम मिल रही : जेबीवीएनएल के कार्यकारी निदेशक केके वर्मा ने कहा कि कोराना संकट के कारण जेबीवीएनएल को उपभोक्ताओं से बिल की राशि काफी कम मिल रही है। इसलिए भुगतान में समस्या आ रही है। इस संबंध में डीवीसी को पत्र लिखकर बिजली कटौती नहीं करने का आग्रह किया गया है। राज्य सरकार ने भारत आत्मनिर्भर योजना के तहत ऋण के लिए आग्रह किया है। इससे मिलने वाले 3500 करोड़ रुपए डीवीसी को भेजे जाएंगे। इसलिए किसी भी तरह की कार्रवाई स्थगित रखने का आग्रह किया गया है।