100 डायल करते ही मदद को पहुंचेगी पुलिस, प्रोफेशनल होंगे तैनात
राज्य सरकार ने झारखंड पुलिस की यूनिफाइड 100 डायल को अधिक कारगर बनाने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह 100 डायल को सुदृढ़ करें। 100...
राज्य सरकार ने झारखंड पुलिस की यूनिफाइड 100 डायल को अधिक कारगर बनाने की कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह 100 डायल को सुदृढ़ करें। 100 डायल के कंट्रोलरूम में पुलिसकर्मियों के स्थान पर किसी प्रोफेशनल एजेंसी से कर्मियों को रखने का विचार भी दिया है, ताकि रिस्पांस टाइम कम करने के साथ-साथ संवेदनशीलता बढ़ायी जा सके।
उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के 100 डायल पर रिसर्च होगा
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के 100 डायल का सिस्टम किस तरह काम कर रहा है, इसपर रिसर्च करें। रिसर्च के बाद इस प्रणाली को झारखंड में भी लागू करें। सीएम के आदेश के बाद 100 डायल पर अध्ययन कर कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य पुलिस मुख्यालय के तीन शीर्ष अधिकारियों एडीजी विशेष शाखा अजय कुमार सिंह, एडीजी आधुनिकीकरण राजकुमार मल्लिक, आईजी अरुण कुमार सिंह को दी गई है।
सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों में लगेगा जीपीएस
पुलिस की सभी पेट्रोलिंग गाड़ियों में जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है। थानों की मूवमेंट और पेट्रोलिंग गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस लगाने का फैसला लिया गया है। साथ ही किसी भी वारदात के बाद कितने मिनट में पेट्रोलिंग गाड़ियां मौके वारदात पर पहुंचती हैं, इस पर भी नजर रखी जाएगी।
100 डायल की भूमिका पर उठते रहे हैं सवाल
यूनिफाइड 100 डायल सिस्टम लागू होने के बाद भी 100 डायल पर सवाल उठ रहे हैं। 5 जुलाई को डोरंडा और मेन रोड में उत्पात के बाद 100 डायल पर ठीक से रिस्पांस नहीं मिलने की शिकायतें आयी थीं। इस संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। 100 डायल पर शिकायत किए जाने के बाद सबसे पहले कॉल रांची स्थित कंट्रोलरूम को लगता है, इसके बाद वहां से संबंधित जिले को कॉल फारवर्ड किया जाता है। ऐसे में कई मिनटों की देरी हो जाती है।