फिर आंदोलन की राह चले पारा शिक्षक, 17 जून को घेरेंगे सीएम हेमंत का आवास
राज्यभर के पारा शिक्षक हेमंत सोरेन सरकार की वादाखिलाफी से नाराज हैं। पारा शिक्षकों का मानना है कि पिछले साल शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने उनसे जो वादा किया था, सरकार ने आज तक उसे पूरा नहीं किया।
पारा शिक्षक फिर से आंदोलन के मूड में है। राज्यभर के पारा शिक्षक हेमंत सोरेन सरकार की वादाखिलाफी से नाराज हैं। पारा शिक्षकों का मानना है कि पिछले साल शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने उनसे जो वादा किया था, सरकार ने आज तक उसे पूरा नहीं किया। ऐसे में पारा शिक्षकों ने एक बार फिर से सड़क पर उतरने का फैसला किया है। झारखंड के पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) 17 जून को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करेंगे। अब तक वेतनमान नहीं देने, ईपीएफ लागू नहीं करने, अनुकंपा पर नियुक्ति नहीं किये जाने, सीटेट को जेटेट के समान मान्यता नहीं दिए जाने और अप्रशिक्षितों को प्रशिक्षित नहीं किये जाने के विरोध में यह घेराव किया जाएगा।
एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने बनाई रणनीति
एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने रविवार को मोरहाबादी में बैठक कर आंदोलन की रणनीति तैयार की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 31 मई तक सभी जिला कमेटी संगठन सशक्तिकरण और मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम पर चर्चा करेगी। इसके बाद 4 जून को राज्य के सभी मंत्रियों से मिलकर मांग पत्र सौंपा जाएगा और उन्हें भी मुख्यमंत्री आावास घेराव में शामिल होने के लिए आमंत्रण दिया जाएगा। इसके बाद 17 जून को मुख्यमंत्री सह प्रभारी शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा। बावजूद इसके मांगें पूरी नहीं हुई तो सभी जिलों में पारा शिक्षक महापंचायत करेंगे। साथ ही, 15 नवंबर को सभी पारा शिक्षक राजधानी के मोरहाबादी मैदान में जुटेंगे और सरकार से वादा पूरा करो का नारा बुलंद करेंगे।
आंदोलन की तैयारी को लेकर मोर्चा के राज्य कमेटी सदस्य संजय कुमार दुबे, ऋषिकेष पाठक, प्रद्युमन सिंह, दरशथ ठाकुर, नारायण महतो, अली रजा खान, प्रसन्न सिंह, भवतारण महतो, ब्रजेंद्र सिंहदेव, रामदेव, मो. शकील, नीलांबर मंडल, मैनुल हक, मनोज सिंह, अतुल कुमार समेत 15 सदस्यीय टीम जिलों का दौरा करेगी।
पांच माह बाद भी पारा शिक्षकों को नहीं मिला लाभ
गौरतलब है कि दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने पिछले साल ही पारा शिक्षकों को वेतनमान, ईपीएफ, अनुकंपा पर नियुक्ति, सीटेट को जेटेट के समान मान्यता देने और अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित किए जाने संबंधी मांगों पर मुहर लगाई थी। कहा था कि जनवरी 2023 से इसे शुरू कर दिया जाएगा लेकिन 5 माह बीतने के बावजूद अभी तक पारा शिक्षकों को लाभ नहीं मिला है।