पारा शिक्षकों ने घेरा सीएम आवास, सरकार के साथ विफल रही बातचीत; किन मांगों को लेकर धरने पर बैठे टीचर
अपनी मांगों को लेकर पारा शिक्षकों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया। पारा शिक्षकों के साथ सरकार के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता भी हुई, लेकिन विफल रही। पारा शिक्षक रात में भी धरना पर बैठे रहे।
झारखंड के सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षक) का गुरुवार से मुख्यमंत्री आवास का घेराव शुरू हो गया है। वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम के तहत सहायक अध्यापकों का अनिश्चितकालीन मुख्यमंत्री आवास घेराव राजभवन के समक्ष से शुरू हुआ। पारा शिक्षकों के साथ सरकार के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता भी हुई, लेकिन विफल रही। पारा शिक्षक रात में भी धरना पर बैठे रहे।
मोरहाबादी मैदान में सहायक अध्यापकों को धारा 144 लागू होने से कार्यक्रम का स्थान नहीं मिल सका। इसके बाद राजभवन के समक्ष राज्य के हजारों सहायक अध्यापक जमे हुए थे। पुलिस प्रशासन को चकमा देकर कचहरी होकर मुख्यमंत्री आवास घेराव करने पारा शिक्षक जा रहे थे। उन्हें कचहरी और मोरहाबादी के बीच में एसपी आवास के समक्ष रोक दिया गया। सहायक अध्यापक रोड पर ही बैठ गए।
रांची के अनुमंडल पदाधिकारी, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी और जेईपीसी के प्रशासी पदाधिकारी जयंत मिश्रा ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से छह जनवरी तक वार्ता का अश्वासन दिया, पर सीएम मुख्यमंत्री से नीचे किसी से वार्ता करने के पक्ष में नहीं थे। गिरीडीह के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने शुक्रवार को वार्ता का अश्वासन दिया है। अंत में सहायक अध्यापक सड़क से उठकर पुन राजभवन के समक्ष घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम चलाते रहे।
लापरवाह नौकरशाह का दंश सरकार झेलेगी
झारखंड सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के राज्य सदस्य मो सिद्दीक शेख ने कहा कि एक तरफ सरकार अपने चार साल के कार्यों का बखान करेगी। वहीं, दूसरी तरफ राज्य के सहायक अध्यापक अपने चीर-परिचित मांग वेतनमान को लेकर ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे रात गुजारेंगे। लापरवाह नौकरशाह का दंश हेमंत सरकार को झेलना पड़ेगा। सरकार को सहायक अध्यापकों के वेतनमान की मांगों पर जल्द से जल्द वार्ता करनी चाहिए। कार्यक्रम का नेतृत्व विनोद बिहारी महतो, विनोद तिवारी, ऋषिकेश पाठक, कुमार सिंह, विकास कुमार चौधरी, सुमन कुमार शामिल थे।