झारखंड: सड़क पर उतरे हजारों पारा मेडिकलकर्मी, कहा- 3 माह का वादा 3 साल बाद भी अधूरा
झारखंड की राजधानी रांची की सड़कों पर सोमवार को बवाल हुआ। अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरे राज्यभर के हजारों पारा मेडिकलकर्मियों की पुलिस-प्रशासन से तीखी नोंक-झोंक हुई। नियमित करने की मांग है।
झारखंड की राजधानी रांची की सड़कों पर सोमवार को बवाल हुआ। अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर उतरे राज्यभर के हजारों पारा मेडिकलकर्मियों की पुलिस-प्रशासन से तीखी नोंक-झोंक हुई। मोरहाबादी मैदान से मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे पारा मेडिकलकर्मियों को रोकने के लिए जो बैरिकेडिंग लगाई गई थी, इन्होंने उसे तोड़ दिया। राजभवन के पास हालात ऐसे बने कि पुलिस को हालात नियंत्रित करने के लिए लाठियां भांजनी पड़ी। पारा मेडिकलकर्मी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अपनी मांगों को समर्थन में मुख्यमंत्री आवास घेरने रांची में इकट्ठा हुए। पारा मेडिकलकर्मियों की शिकायत है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3 माह का वादा किया था जो 3 साल में भी पूरा नहीं हुआ।
सीएम आवास घेरने निकले पारा मेडिकलकर्मी
गौरतलब है कि सोमवार को राज्यभर के पारा मेडिकल कर्मी (जीएनएम-एएनएम) राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में इकट्ठा हुए। यहां से वे आक्रोश मार्च के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास की ओर बढ़े। जैसे ही काफिला राजभवन के पास पहुंचा पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुलिस ने राजभवन के पास बैरिकेडिंग लगा दी। पारा मेडिकलकर्मी बैरिकेडिंग तोड़ते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे। पुलिस ने रोका तो उलझ गए। तीखी बहस भी हुई। आखिरकार पुलिस ने भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। हालांकि, इससे प्रदर्शनकारियों पर ज्यादा असर नहीं हुआ। वे मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने की जिद्द पर अड़े रहे। उनकी राजभवन के सामने हड़ताल की योजना है।
सेवा नियमित करने की मांग कर रहे मेडिकलकर्मी
पारा मेडिकल कर्मी सेवा नियमित करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के हवाला दे रहे हैं जिसके मुताबिक 10 वर्ष से अधिक समय तक किसी भी विभाग में सेवा दे चुके कर्मियों को नियमित करना होगा। पारा मेडिकलकर्मियों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2019 के विधानसभा चुनावों के समय कहा था कि राज्य से अनुबंध शब्द को ही समाप्त कर देना चाहिए। उन्होंने तब कहा था कि महागठबंधन की सरकार बनी तो 3 महीने में अनुबंधकर्मियों को नियमित किया जाएगा लेकिन सरकार गठन को 3 साल बीत गए। सरकार अपने वादे पर 1 कदम भी आगे नहीं बढ़ा पाई है। आंदोलनकारी पारा मेडिकलकर्मियों ने कहा है कि हमने पहले भी आंदोलन किए। सरकार अब तक केवल आश्वासन और भरोसा ही देती आई है। उनका कहना है कि हम निर्णायक लड़ाई का इरादा लेकर राजधानी रांची में आए हैं। मांग माने बिना जाएंगे नहीं।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का काम हो सकता है ठप
बता दें कि झारखंड में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 4600 एएनएम नर्सें, 1 हजार जीएनएम नर्सें और 2400 अनुबंधित पारा मेडिकलकर्मी हैं। ये सभी बीते 10 साल से सेवा दे रहे हैं। मांग है कि पारा मेडिकल नियमावली-2018 में आंशिक संसोधन करते हुए सभी को नियमित किया जाए। उनका कहना है कि जिलों में कई बार ज्ञापन सौंपा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पारा मेडिकलकर्मियों का कहना है कि वे 17 जनवरी को राजभवन के सामने धरना प्रदर्शन और हड़ताल करेंगे। 24 मई से सभी आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।