अब नहीं बच पाएंगे घोटालेबाज, SIT करेगी रांची जमीन घोटाले की जांच; क्या-क्या जिम्मेदारी
अब जमीन का घोटाला करने वाले बच नहीं पाएंगे। झारखंड पुलिस ने रांची में कागजात में फर्जीवाड़ा और जबरन जमीन हस्तांतरण के मामलों में एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी थानेदारों से सूची लेगी।
रांची जमीन घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने जहां फर्जी दस्तावेज पर जमीन कब्जाने की जांच में खुलासे किए हैं, वहीं अब झारखंड पुलिस ने रांची में कागजात में फर्जीवाड़ा और जबरन जमीन हस्तांतरण के मामलों में एसआईटी का गठन किया है।
डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर गठित एसआईटी में अध्यक्ष आईजी सीआईडी सुदर्शन प्रसाद मंडल हैं। जबकि एसआईटी के सदस्य डीआईजी जैप पटेल मयूर कन्हैया लाल, स्पेशल ब्रांच डीआईजी कार्तिक एस, सीआईडी डीआईजी संध्या रानी मेहता, एटीएस एसपी ऋषभ कुमार झा, सीआईडी एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, एएसपी दीपक कुमार शामिल हैं। एसआईटी को प्रत्येक 15 दिनों में अपनी कार्रवाई से संबंधित गोपनीय रिपोर्ट डीजीपी को उपलब्ध करानी होगी।
एसआईटी थानेदारों से लेगी सूची, दागी थानेदारों की भी सूची बनाएगी
रांची जिला में जमीन के फर्जीवाड़े व अवैध हस्तांतरण में शामिल व्यक्तियों की सूची एसआईटी थानेदारों से हासिल करेगी। जमीन कब्जे के लिए बल प्रयोग करने वाले व्यक्तियों का नाम, संपत्ति का विवरण, अवैध हस्तांतरित भूमि की सूची बनायी जाएगी। यदि थानेदार जमीन से जुड़े अपराधियों की सूची नहीं देता है तो वैसे थानेदारों को भी चिह्नित किया जाएगा। संबंधित क्षेत्र के डीएसपी का दायित्व होगा कि गहन समीक्षा कर ऐसे थानेदारों के खिलाफ रिपोर्ट करें।
यह होगी एसआईटी की जिम्मेदारी
● जमीन संबंधित वादों की समीक्षा स्वयं एसआईटी करेगी, अपराधियों पर कठोर कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भी भेजेगी। अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति की सूचना जुटाएगी।
● जमीन संबंधी जिन मामलों में आपराधिक मामला दर्ज नहीं, जांच कर आपराधिक मामला दर्ज कराएगी। हालांकि सिविल डिस्प्यूट के किसी मामले की समीक्षा नहीं करेगी।
● रांची जिला के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह एसआईटी की पूरी मदद करें। एसआईटी जो जानकारियां मांगेगी, उसे त्वरित गति से उपलब्ध कराएं।
● एसआईटी सीमित समय के लिए गठित की गई है, एसआईटी को की गई कार्रवाई की हर पंद्रह दिन में अपनी रिपोर्ट डीजीपी को देनी होगी।
● जमीन फर्जीवाड़े में शामिल सरकारी व गैर सरकारी कर्मियों को भी चिह्नित किया जाएगा, जो जमीन फर्जीवाड़े में सहयोगी भूमिका निभाते हैं।