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बुजुर्गों- विधवाओं की पेंशन रोकने पर झारखंड सरकार को NHRC का नोटिस, छह हफ्ते में मांगा जवाब

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड में कोविड के दौरान 10 लाख से अधिक लोगों के विधवा पेंशन, सीनियर सिटिजन को मिलने वाले पेंशन समेत कई तरह के पेंशन नहीं दिए जाने के मामले में राज्य सरकार व केंद्र के...

Ajay Singh मुख्‍य संवाददाता , रांची Tue, 9 March 2021 09:07 AM
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड में कोविड के दौरान 10 लाख से अधिक लोगों के विधवा पेंशन, सीनियर सिटिजन को मिलने वाले पेंशन समेत कई तरह के पेंशन नहीं दिए जाने के मामले में राज्य सरकार व केंद्र के समाजिक न्याय मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने पेंशन रूकने के मामले में आई मीडिया रिपोर्टस के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के मुख्य सचिव व केंद्रीय समाजिक न्याय मंत्रालय के सचिव से छह हफ्ते के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा है। एनएचआरसी के मुताबिक, कोविड के दौरान तकरीबन 10 लाख लोगों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया।

केंद्र और राज्य के बीच का विवाद भी बना वजह
एनएचआरसी ने अपने आदेश में कहा है कि मीडिया में आए रिपोर्ट्स से ऐसा प्रतीत होता है कि फंड को लेकर झारखंड सरकार व केंद्र सरकार के विवाद के कारण कोविड के वक्त लोगों को समय पर पेंशन का भुगतान नहीं हो पाया। आयोग ने माना है कि मीडिया रिपोर्ट्स अगर सही हैं तो यह मानवाधिकार के उल्लंघन का गंभीर मामला है। आयोग ने चिंता जतायी है कि केंद्र से किसी खास मद में आए पैसे का दूसरे मद में इस्तेमाल कैसे हुआ, साथ ही ऐसा होने से गरीबों को उनका वाजिब हक नहीं हो पया। पेंशन के भुगतान में इनरॉल लाभार्थियों व लाभ पाने वाले वास्तविक लोगों के बीच भी बड़े अंतर की बात कही गई है।

लातेहार के किसान को नहीं मिला केंद्रीय योजना का लाभ
एनएचआरसी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि लातेहार के 62 वर्षीय एक किसान को केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रतिमाह एक हजार रुपये पेंशन मिलनी थी। पैर टूटने पर किसान ने जुलाई 2020 में 10 हजार रुपये का कर्ज लेकर अस्पताल का बिल चुकाया। लेकिन पांच माह बाद भी उन्हें 1 हजार की मासिक पेंशन राशि नहीं मिली, जिसके वह हकदार थे। मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसे कई लोगों का भी जिक्र था जिन्हें केंद्रीय पेंशन योजनाओं के सही से भुगतान नहीं होने की जानकारी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र से कोविड रिलिफ फंड सही वक्त पर नहीं मिलने का कारण यह था कि पेंशन फंड के पैसे का इस्तेमाल कोविड रिलिफ फंड में किया गया था।

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