नया बिजली कनेक्शन स्मार्ट प्री-पेड मीटर के साथ ही लगेगा, उपभोक्तों को फायदा होगा या नुकसान यहां जानें
आने वाले दिनों में बिजली का नया कनेक्शन केवल स्मार्ट प्री-पेड मीटर के साथ ही लगाया जाएगा। आवेदक बिजली वितरण कंपनी की ओर से सूचीबद्ध एजेंसियों से सीधे मीटर खरीदकर अपने घर में लगवा सकेंगे या फिर बिजली...
आने वाले दिनों में बिजली का नया कनेक्शन केवल स्मार्ट प्री-पेड मीटर के साथ ही लगाया जाएगा। आवेदक बिजली वितरण कंपनी की ओर से सूचीबद्ध एजेंसियों से सीधे मीटर खरीदकर अपने घर में लगवा सकेंगे या फिर बिजली वितरण कंपनी की ओर से ही उन्हें स्मार्ट मीटर उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे कई अन्य नियमों के साथ भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने इलेक्ट्रिसिटी (राइट्स ऑफ कंज्यूमर) रूल्स 2020 का ड्राफ्ट तैयार किया है। इस ड्राफ्ट पर अन्य राज्यों की तरह झारखंड से भी सुझाव मांगे गए हैं। झारखंड बिजली वितरण निगम के अधिकारियों को अध्ययन के लिए यह ड्राफ्ट उपलब्ध कराया गया है। राज्य सरकार की ओर से जल्द ही ऊर्जा मंत्रालय को सुझाव भेजा जाएगा।
मंत्रालय की ओर से जारी किये गये इस नये ड्राफ्ट में पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। इसके अनुसार बिजली वितरण कंपनी को अब अपनी वेबसाइट पर मंजूर किए गए मीटरों और इससे जुड़े उपकरणों की लिस्ट अपलोड करनी होगी। स्मार्ट मीटर रिमोट से रीड करने योग्य होगा और इसकी महीने में एक बार जरूर रीडिंग ली जाएगी। कंपनी के अधिकृत जिम्मेदार व्यक्ति को तीन महीने में कम से कम एक बार रीडिंग लेना होगा। बिजली खपत से संबंधित डाटा मोबाइल एप या एसएमएस आदि के माध्यम से उपभोक्ता को उपलब्ध कराया जाएगा। मात्र यही नहीं अपने कनेक्शन पर ससमय खपत को उपभोक्ता खुद भी जांच सकेंगे।
उपभोक्ता खुद रीडिंग ले सकेंगे : जेबीवीएनएल के मुख्य अभियंता वाणिज्य ऋषिनंदन के मुताबिक ड्राफ्ट में यह प्रावधान भी रखा गया है कि यदि किसी कारण से मीटर की रीडिंग निर्धारित समय पर नहीं की जा सकी तो उपभोक्ता मीटर की रीडिंग के साथ फोटो मेल कर सकेंगे। संबंधित उपभोक्ता की शिकायत मिलने के बाद वितरण कंपनी तीन दिन में जांच सुनिचित करेगी। इसके लिए उपभोक्ता से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। लेकिन यदि उपभोक्ता की गलती के कारण मीटर जला, टूटा या खराब हुआ मिला तो इसकी भरपाई संबंधित उपभोक्ता को करनी होगी। मीटर टेस्ट रिपोर्ट की कॉपी उपभोक्ता को दी जाएगी। उपभोक्ता के परिसर से बाहर लगाने पर मीटर की सुरक्षा की जिम्मेदारी लाइसेंसी की होगी। साथ ही खराब अथवा जले हुए मीटर शहरों में 24 घंटे में और ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे में बदले जाएंगे या, विद्युत नियामक आयोग की ओर से इसके लिए अवधि निर्धारित की जाएगी। मीटर की अनुपलब्धता को देरी का कारण नहीं माना जाएगा।
पारदर्शी होगी व्यवस्था : बिजली वितरण कंपनी या निगम को अपनी वेबसाइट पर पारदर्शी तरीके से नए कनेक्शन, अस्थाई कनेक्शन, मीटर बदलने, सर्विस लाइन बदलने, लोड घटाने-बढ़ाने, स्वामित्व-स्थान परिवर्तन के लिए आवेदन की प्रक्रिया स्पष्ट करनी होगी। यह भी बताना होगा कि संबंधित फार्म कहां उपलब्ध हैं, शुल्क और समय कितना लगेगा। आवेदन की स्थिति को ट्रैक करने की प्रणाली भी स्पष्ट करनी होगी। उपभोक्ता के पास ऑनलाइन और ऑफलाइन बिजली बिल भुगतान का विकल्प रहेगा।