मां, पिता और छोटे भाई के हत्यारे को फांसी, अदालत ने कहा- दया के लायक नहीं दोषी
अपने मां, पिता और छोटे भाई की हत्या करने वाले नीतेश साहू को फांसी की सजा सुनाई गई है। रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त राजीव आनंद की अदालत ने इसे घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर माना और कहा कि ऐसा कृत्य...
अपने मां, पिता और छोटे भाई की हत्या करने वाले नीतेश साहू को फांसी की सजा सुनाई गई है। रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त राजीव आनंद की अदालत ने इसे घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर माना और कहा कि ऐसा कृत्य करने वाले व्यक्ति को समाज में रहने का अधिकार नहीं है। मां, पिता और छोटे भाई की हत्या कोई छोटी घटना नहीं है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ दया नहीं दिखायी जा सकती । इस कारण दोषी को फांसी की सजा देना ही उचित होगा। नीतेश ने 12 जुलाई 2014 को एक मामूली विवाद के अपने पिता शिवनंदन साहू, सौतेली मां कुंती देवी और पांच वर्षीय भाई रघु की टांगी से काट कर हत्या कर दी थी। वह रातू थाना क्षेत्र के लहना गांव का रहने वाला है। 10 जुलाई को अदालत ने नीतेश को भादवि की धारा 302 के तहत दोषी करार दिया गया था।
क्या था मामला
12 जुलाई 2014 की रात की है। नीतेश अपने घर में दूध- भात खा रहा था। इसी दौरान उसके 43 वर्षीय शिवनंदन साहू पहुंचे और उसके आगे से खाने की थाली छिनकार उसकी पिटाई कर दी। इसके बाद घर के सभी सदस्य सो गए। रात में ही नीतेश उठा और पिता की टांगी से काट कर हत्या कर दी। तभी सौतेली मां कुंती देवी जगी और पूछा कि क्या कर रहे हो, नीतेश ने उसे भी काट डाला । फिर छोटे भाई रघु को भी मार डाला। उसने अपनी छोटी बहन निक्की की हत्या करने का प्रयास किया, लेकिन वह बच निकली। निक्की के बयान पर ही मामला दर्ज कर नीतेश को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस घटना की वह चश्मदीद गवाह भी थी।
पिता की दूसरी शादी से था नाराज
नीतेश ने अपने बयान में कहा था कि उसकी मां की मौत के बाद पिता ने दूसरी शादी की थी। शादी के बाद पढ़ाई छुड़वा कर काम पर लगा दिया था। उधर, सौतेली मां का भी व्यवहार ठीक नहीं रहता था। उसने बताया था कि घर में सिर्फ उसकी छोटी बहन ही उसका पक्ष लेती थी। इसलिए उसे छोड़ दिया था। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी शहर छोड़ने की फिराक में था लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया था।