लॉकडाउन ‘काल’ : बोकारो में 22 दिनों में 12 युवकों ने फांसी लगा दी जान
कोरोना संक्रमण से जिले में अबतक दो लोगों की जान गई है। वहीं, सात जून से 29 जून के बीच तनाव के कारण 12 युवकों ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। तनाव की वजह कुछ भी हो सकती है, लेकिन मौजूदा...
कोरोना संक्रमण से जिले में अबतक दो लोगों की जान गई है। वहीं, सात जून से 29 जून के बीच तनाव के कारण 12 युवकों ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। तनाव की वजह कुछ भी हो सकती है, लेकिन मौजूदा आंकड़ों पर गौर करें तो लॉकडाउन के बाद आत्महत्या करने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है।
जिले में आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं समाज के लिए चिंता का विषय बनती जा रही हैं। आत्महत्या करने वाले ज्यादातर युवा, किशोर व महिलाएं हैं। लेकिन इधर कुछ वर्षों में बुजुर्गो में भी आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है। समाज में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति चिंता का विषय हैं। आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति के पीछे वजह पारिवारिक विवाद, डिप्रेशन, सामाजिक माहौल में बदलाव आदि शामिल है।
इन्होंने की है आत्महत्या : जून में आत्महत्या करने वाले युवा वर्ग में हरला थाना अंतर्गत महेशपुर गांव में 23 साल की लक्ष्मी कुमारी ने आत्महत्या कर ली। सात जून को पिंड्राजोरा थाना के पुण्डरू गांव में 26 वर्षीय संजय कुमार राय ने फांसी लगा ली। 9 जून को माराफारी थाना के आजादनगर के 22 वर्षीय सलीम अहमद ने आत्महत्या कर ली। 18 जून को बालीडीह के मंझलाडीह निवासी 17 वर्षीय जुनैद अंसारी, 18 जून को ही रेलवे कॉलोनी निवासी 24 वर्षीय कृष्णा मुर्मू ने पेड़ से लटककर जान दे दी। 20 जून को दुग्दा थानान्तर्गत पारटांड़ निवासी 19 वर्षीय भास्कर कुमार दास ने फांसी लगाकर अपनी इहलीला समाप्त कर ली थी। 24 जून को बरमसिया ओपी मयूरडुबी गांव के 26 वर्षीय जितेन्द्र बाउरी ने आत्महत्या कर ली। 26 जून को बालीडीह थाना के छतनीटांड निवासी 21 वर्षीय कृष्णा कुमार ने फांसी लगा लिया था। 28 जून को बालीडीह थाना के शिवपूरी कॉलोनी निवासी 19 वर्षीय रविन्द्र शर्मा ने आत्म्हत्या कर ली। 29 जून को कुल 3 युवकों ने आत्महत्या कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। जिसमें 29 जून को बालीडीह थाना के 19 वषीर्य एंथोनी निकोलस ने फांसी लगा लिया। 29 जून को ही बीएससिटी थाना अंतर्गत दुंदीबाद बाजार की रहने वाली 20 वर्षीय प्रीति कुमारी ने भी आत्महत्या कर ली। वहीं 29 जून को ही बीएससिटी थानार्न्तगत एलएच कॉलोनी निवासी अविनाश कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृतकों में से कुछ लोगों की जांच संदिग्ध भी बताई जा रही है। जिसपर पुलिस जांच कर रही है।
कोरोना से ज्यादा जानलेवा साबित हो रहा है डिप्रेशन : कोरोना महामारी के इस दौर में हर व्यक्ति जूझ रहा है। लेकिन, कोरोना वायरस से भी ज्यादा जानलेवा साबित हो रहा है अवसाद यानी डिप्रेशन। जो कोरोना की वजह से बदली जीवनशैली और लॉकडाउन से आई आर्थिक मंदी की देन है। इससे बचने के लिए युवाओं का मनोबल बढ़ाना होगा। मोबाइल की बढ़ती लत व अकेलापन भी इसकी एक प्रमुख वजह है। इससे भी बचना जरूरी है।
तनाव में दे रहे जान: मनोचिकत्सक डॉ. केएन ठाकुर ने कहा कि युवाओं को कोरोना से ज्यादा तनाव जान ले रही है। युवाओं में मोबाइल की बढ़ती लत व अकेलापन भी इसका प्रमुख वजह है। इससे युवा डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। इससे बचने की जरूरत है।