लॉकडाउन : झारखंड में डोर टू डोर डिलीवरी करने वाले दुकानों की सूची जारी
झारखंड में लॉकडाउन का आज दूसरा दिन है। राज्य में खाने-पीने की चीजों की कमी न हो, इसके लिए राज्य सरकार हर तरह की व्यवस्था कर रही है। सभी जिलों के जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया गया है कि हर जिले और...
झारखंड में लॉकडाउन का आज दूसरा दिन है। राज्य में खाने-पीने की चीजों की कमी न हो, इसके लिए राज्य सरकार हर तरह की व्यवस्था कर रही है। सभी जिलों के जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया गया है कि हर जिले और कस्बे में जरूरी सामान की दुकानों को खुलवाया जाए और लोगों तक सामान पहुंचे इसकी भी व्यवस्था हो। ऐसे में खुद जिला मजिस्ट्रेट शहर की दुकानों की सूची मुख्यमंत्री के कायार्लय तक पहुचा रहे हैं, जिसको मुख्यमंत्री अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट में बताया कि रांची में सुविधा स्टोर, विशाल मेगा मार्ट, रिलायंस फ्रेश, वेजी गो, दुर्गा स्टोर लोगों तक डोर टू डोर जरूरी सामान पहुंचाएगा। इसके साथ ही सूची में इन दुकानों का मोबाइल नंबर भी है। उसी तरह जमशेदपुर के अलग-अलग इलाकों की दुकानों की सूची भी ट्वीट में शामिल है। इसमें विशाल मेगा मार्ट, रिलायंस स्टोर, बजरंग स्टोर, अजुर्न स्टोर, विधा स्टोर, ऑल इन विन स्टोर शामिल हैं। उसी तरह धनबाद और अन्य शहरों की सूची भी मुख्यमंत्री ने साझा की है।
अच्छी पहल .@LateharDistrict . अन्य ज़िलाधिकारी भी ऐसी ही पहल करें। https://t.co/dpAE83OdOl
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) March 25, 2020
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉकडाउन की अपील के बाद झारखंड सरकार ने खुद लोगों तक जरूरी चीजों को पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल पर उन दुकान का पता और मोबाइल नंबर भी साझा किया है, ताकि उस पर फोन कर उपभोक्ता संपर्क कर सकें।
वहीं, अब वक्त बीतने के साथ ही लोगों को समझ में आने लगा है कि जरूरी चीजों के लिए उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा। राशन दुकान, सब्जी दुकान, पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर जैसी जरूरत की चीजों की दुकानें खुली हुईं हैं। रांची के डोरंडा इलाके में रह रहे रजनीश सिंह बताते हैं कि मुख्यमंत्री के इस मुहिम से शहरी लोगों को मालूम हो गया है कि आवश्यक चीजें कहा मिलेंगी, इसलिए अब घबराहट नहीं है।
इसके अलावा सभी दुकानों के बाहर सामाजिक दूरी का भी ध्यान रखा जा रहा है। दुकानों के बाहर निशान बनवाए गए हैं और लोग भी समझदारी से काम ले रहे हैं। हालांकि ग्रामीण इलाकों में अब भी परंपरागत तरीके से ही बाजार लगने की खबर आ रही है।