झारखंड में JTET का रास्ता साफ, आयु सीमा में मिलेगी सात साल की छूट; सरकार ने जारी की अधिसूचना
झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा विभाग ने इसे लेकर संशोधित नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं जेटेट के आयोजन होने पर सात साल की छूट भी मिलेगी।
झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा विभाग ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए संशोधित नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी है। जेटेट के लिए प्रश्नों की संख्या और समय घटाया गया है। अब पहली से पांचवीं और छठी से आठवीं दोनों में ढाई घंटे में छात्र-छात्राओं को 150 प्रश्न हल करने होंगे। पूर्व में पहली से पांचवीं के लिए 200 प्रश्न ढाई घंटे में और छठी से आठवीं के लिए 250 प्रश्न तीन घंटे में हल किये जाने थे। इसमें संशोधन किया गया है।
वहीं, जेटेट के आयोजन होने पर सात साल की छूट भी मिलेगी। इसका फॉर्मूला तय किया गया है। अंतिम बार जब जेटेट का आयोजन हुआ था तो उससे एक साल कम तक की छूट दी गई थी। झारखंड में 2016 में आखिरी बार जेटेट हुई थी। ऐसे में आठ साल से परीक्षा नहीं हुई है। इस साल अगर टेट का आयोजन किया गया तो अभ्यर्थियों को अधिकतम उम्र सीमा में सात साल की छूट दी जाएगी। इसके अलावा इसमें डीएलएड-बीएड अभ्यर्थियों के अलावा इंजीनियरिंग, प्रबंधन पढ़ने वाले अभ्यर्थी भी प्रशिक्षण प्राप्त होने पर शामिल हो सकेंगे।
2013 और 2016 में हुआ था आयोजन
झारखंड में पिछले 11 साल में अब तक सिर्फ दो बार शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई है। 2013 और 2016 में टेट का आयोजन किया गया था। राज्य सरकार ने हर साल टेट लेने का निर्णय लिया था, लेकिन वर्तमान में आठ साल से इसका आयोजन नहीं हुआ है। 2016 में इसमें सफल हुए 53 हजार अभ्यर्थियों की सहायक आचार्य पद पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
शिक्षा विभाग झारखंड एकेडमिक काउंसिल को शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने का प्रस्ताव भेजेगा। इस प्रस्ताव के आधार जैक शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन ले सकेगा और परीक्षा का आयोजन कर सकेगा। संभावना जतायी जा रही है कि जैक जुलाई में इसके लिए आवेदन ले सकता है और अगस्त में परीक्षा का आयोजन कर सकता है।
सात प्रतिशत तक की मिलेगी छूट
जेटेट में शामिल होने के लिए कमजोर जनजातीय समूह के अभ्यर्थियों को सात प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। उन्हें छूट शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक दोनों में मिलेंगे। वहीं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा और दिव्यांग कोटि के अभ्यर्थियों के लिए पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी।