jharkhand news : दो महीने तक बिजली बिल नहीं मिला तो आपको मिलने लगेगी ये सुविधा
बिजली की दरों को लेकर शुक्रवार को हुई घोषणा में उपभोक्ताओं को कई राहत दी गई है। झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) अगर उपभोक्ताओं को दो महीने तक बिल नहीं भेजता है तो उसे तीसरे महीने से बिजली बिल के...
बिजली की दरों को लेकर शुक्रवार को हुई घोषणा में उपभोक्ताओं को कई राहत दी गई है। झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) अगर उपभोक्ताओं को दो महीने तक बिल नहीं भेजता है तो उसे तीसरे महीने से बिजली बिल के भुगतान में एक प्रतिशत और अधिकतम तीन प्रतिशत की छूट देनी होगी। इसके साथ ही उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले फिक्स्ड चार्ज को आपूर्ति की गुणवत्ता से जोड़ा गया है।
एचटी उपभोक्ताओं को 23 घंटे से कम और एलटी कंज्यूमर को 21 घंटे से कम बिजली मिलने पर फिक्स्ड चार्ज में कटौती की जाएगी। विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण बिजली के लिए ऐसा किया गया। इसके साथ ही प्री-पेड मीटर को बढ़ावा देने के लिए तीन प्रतिशत की विशेष छूट का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा जमा भी वापस करने की व्यवस्था की गई है।
लोड की जांच कनेक्शन के दौरान ही किया जा सकेगा: नई घोषणा में यह भी प्रावधान किया गया है कि स्वीकृत लोड की जांच बिलिंग के समय रीडिंग लेने वाले नहीं कर सकेंगे। इसे कनेक्शन जारी करने या सेफ्टी ऑडिट के दौरान ही किया जा सकेगा। प्रावधान में बताया गया है कि आम लोगों को टैरिफ और प्रावधानों के प्रति जागरूक किया जाएगा। यह आलेख आयोग के सत्यापन के बाद विज्ञापित किया जाएगा।
वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट दर में राहत: आयोग ने ग्रामीण और शहरी वाणिज्यिक श्रेणी को रिस्ट्रक्चर किया है। इनके लिए बिजली की प्रति यूनिट दर में 25 पैसे प्रति यूनिट कम करके फिक्स्ड चार्ज में बढ़ोतरी की है। पांच किलोवाट तक वाले घरेलू वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से अब 40 की बजाय 50 रुपए प्रति किलोवाट प्रति माह वसूला जाएगा। इनसे प्रति यूनिट बिजली छह रुपए की बजाय 5.75 रुपए की दर से मिलेगी। जबकि शहरी क्षेत्र में इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को 6.25 की जगह छह रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली मिलेगी। इनसे प्रति किलोवाट प्रतिमाह 150 रुपए नहीं 100 रुपए लिए जाएंगे।
सब्सिडी पर सरकार लेगी निर्णय : बिजली उपभोक्ताओं को मौजूदा व्यवस्था के तहत प्रति यूनिट खपत पर सब्सिडी मिलती रहेगी या 100 यूनिट फ्री बिजली की नई व्यवस्था लागू की जाएगी, इस पर निर्णय सरकार लेगी। आयोग ने बिजली की नई दर आपूर्ति लागत को आधार बनाकर तय कर दिया है। इस समय ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को 4.25 और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को 2.75 रुपए प्रति यूनिट सब्सिडी मिलती है। कृषि श्रेणी में 4.30 और वाणिज्यिक श्रेणी में 3.50-3.25 रुपये प्रति यूनिट अनुदान मिलता है। खपत बढ़ने पर सब्सिडी की दर घटती जाती है।