Jharkhand Weather: झारखंड में सुस्त हुआ मॉनसून, अब दो दिन गर्मी को रहें तैयार; दोबारा कब मेहरबान होंगे बादल?
Jharkhand Weather: झारखंड में मॉनसून की रफ्तार सुस्त हो गई है। लोगों को अगले दो दिन गर्मी सता सकती है। इस दौरान मौसम साफ रहने और तीखी धूप गर्मी का एहसास हो सकता है। उमस परेशान करेगी।
Jharkhand Weather: झारखंड में मानसून के सुस्त पड़ने से अगले दो दिन गर्मी सता सकती है। मौसम साफ रहने और तीखी धूप गर्मी का एहसास करा सकती है। नम हवा के साथ धूप की तपिश उमस भी बढ़ाएगी। खासकर राज्य के उत्तरी भाग में इसका ज्यादा असर देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार 21 से आसमान में बादल छाएंगे और 22 जुलाई से रांची समेत पूरे राज्य में झमाझम बारिश होगी।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य के विभिन्न हिस्सों के अधिकतम तापमान दो से चार डिग्री तक बढ़ गया है। वहीं, न्यूनतम तापमान भी सामान्य से एक डिग्री ऊपर चल रहा है। गुरुवार को रांची का अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह पिछले 24 घंटों की तुलना में करीब दो डिग्री अधिक है। न्यूनतम तापमान 24.0 डिग्री सामान्य से करीब एक डिग्री अधिक रहा। वहीं, गुरुवार को मेदिनीनगर का अधिकतम 31.1 डिग्री रहा जो कि सामान्य से चार डिग्री अधिक रहा।
जमशेदपुर का अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री रहा। यह सामान्य से दो डिग्री अधिक है। अन्य जिलों के अधिकतम तापमान में भी एक से दो डिग्री अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी के मध्य भाग से लेकर उत्तर पश्चिमी तक बना निम्न दबाव के व्यापक होने की संभावना है। अगले दो से तीन दिन में यह ओडिशा के तटवर्ती इलाकों को पार कर झारखंड से गुजर सकता है। इससे राज्य में अच्छी बारिश होने की संभावना बन रही हैं।
आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं किसान
आषाढ़ माह में भी अब तक हुई कम बारिश ने चंदवा में किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बारिश की आस लगाए किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। रोजाना काले घनघोर बादल आसमान पर मंडरा तो रहे हैं पर बारिश नहीं हो रही है। लगता है इस वर्ष भी बारिश दगा देगी। किसानों के सिर पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही है।
इस वर्ष आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल माह में एक भी बारिश दर्ज नहीं किया गया। मई माह भी पूरी तरह सुखा रहा। जून माह में महज 46 एमएम बारिश दर्ज किया गया, वहीं जुलाई माह में अब तक महज 130 एमएम बारिश दर्ज किया गया है यह पिछले साल की अपेक्षा भी काफी खराब है। समय पर मानसून आने के बाद इस वर्ष लगा कि मानसून की स्थिति बेहतर होगी पर मानसून भी दगा दे गया है।