Hindi Newsझारखंड न्यूज़Jain followers demanded to declare Sammed Shikharji Parasnath as a place of pilgrimage

तीर्थस्थल घोषित हो पारसनाथ, काशी विश्वनाथ की तर्ज पर हो विकास; जैन धर्मावलंबियों की मांग

इस बीच जैन धर्म के बड़े मुनियों में से एक प्रमाणसागर जी महाराज ने कहा कि यह विरोध केंद्र सरकार के जारी नोटिफकेशन के कारण हो रहा है। इसे इको सेंसेटिव जोन बनाया गया था। इसे तीर्थस्थल ही रहने दिया जाए।

Suraj Thakur लाइव हिन्दुस्तान, पीरटांड़ गिरिडीहFri, 23 Dec 2022 09:30 AM
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जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने की सरकार के निर्णय का जैन समाज का विरोध जारी है। इस बीच जैन धर्म के बड़े मुनियों में से एक प्रमाणसागर जी महाराज ने कहा कि यह विरोध केंद्र सरकार के जारी नोटिफकेशन के कारण हो रहा है। इसे इको सेंसेटिव जोन बनाया गया था।

इको टूरिज्म की बात से नाराज जैन समाज
अब इको टूरिज्म की बात सामने आ रही है। इको टूरिज्म शब्द जोड़ते ही लोगों के मन में ऐसी बातें आ गई कि पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तो इस क्षेत्र की पवित्रता बाधित होगी। उन्होंने कहा कि जैन समाज की एक ही भावना है कि इसे पर्यटन क्षेत्र घोषित करने की जगह काशी विश्वनाथ, वैष्णो देवी जैसा पवित्र तीर्थ स्थल घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसे लेकर सरकार से बातचीत चल रही है। उम्मीद है बहुत जल्द जैन समाज की बात सुनी जाएगी। इसे लेकर हमलोग काफी सकारात्मक हैं। वहीं देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर कहा कि यह स्वाभाविक है। जब भावना को ठेस पहुंचती है तो लोगों की प्रतिक्रिया सामने आती है। कहा कि इस क्षेत्र को तीर्थ क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाए, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा भी मिले।

20 तीर्थंकरों ने का यहीं हुआ था निर्वाण
बता दें कि जैन धर्म के चौबीस में से बीस तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि सम्मेद शिखर पारसनाथ जैन अनुयाईयों का आस्था का केंद्र है। पिछले दो दिनों से पारसनाथ को पर्यटन स्थल क्षेत्र घोषित करने की खबर पर देशभर में जैन समाज के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। पूरे देश के जैन श्रद्धालु की नजर वर्तमान में पारसनाथ पर टिकी हुई है। साथ ही जैन अनुयाईयों द्वारा पारसनाथ को पवित्र तीर्थस्थल घोषित करने की मांग भी तेज हो गई है। विभिन्न प्रान्तों में रैली व जुलूस निकालकर जैन समाज के लोग अपनी भावना से अवगत करा रहे हैं।

मांस-मदिरा की बिक्री नहीं होनी चाहिए
जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल में विकसित किए जाने के विरोध के बीच डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने गुरुवार को जैन कमेटी के साथ पारसनाथ विकास प्राधिकारण की हाई लेबल बैठक की। जिसमें उन्होंने जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेद शिखर मधुबन का स्वरूप बदलकर पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किए जाने के प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया। मौके पर डीसी ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि साल बीतने को है और नया साल भी आने वाला है। इसे ध्यान में रखते हुए पूरे सम्मेद शिखर मधुबन में किसी भी सूरत में मांस मदिरा की बिक्री नहीं हो और न ही सम्मेद शिखर में प्रवेश करने वाला कोई इसका इस्तेमाल करे।
 

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