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झारखंड: 3 हजार से ज्यादा पारा मेडिकलकर्मी हड़ताल पर, वैक्सीनेशन-टेस्टिंग सेवा ठप; मरीज हलकान

झारखंड में 3 हजार पारा मेडिकल कर्मी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत एएनएम और जीएनएम नर्सें भी हड़ताल पर हैं।

Suraj Thakur लाइव हिन्दुस्तान, रांचीTue, 17 Jan 2023 11:03 AM
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झारखंड में 3 हजार पारा मेडिकल कर्मी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत एएनएम और जीएनएम नर्सें भी हड़ताल पर हैं। गौरतलब है कि झारखंड के सरकारी अस्पतालों में 60 फीसदी कर्मचारी अनुबंध पर ही कार्यरत हैं। अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले जाने की वजह से झारखंड के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। बताया जा रहा है कि हजारों कर्मचारियों के यूं हड़ताल पर चले जाने से कोरोना वैक्सीनेशन और जांच की सेवाएं प्रभावित हुई हैं। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न टीकाकरण अभियान पर भी असर होगा। रिम्स सहित अन्य बड़े अस्पतालों में ओपीडी में मरीजों का दबाव बढ़ेगा। 

सीएचसी-पीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
गौरतलब है कि पारा मेडिकलकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से राज्य के सीएचसी, पीएचसी और सदर अस्पतालों में इलाज से लेकर जांच तक की सेवा प्रभावित होगी। दवाई वितरण और वैक्सीनेशन का काम भी प्रभावित होगा। सरकारी ब्लड बैंकों का काम भी प्रभावित होने वाला है। मरीजों को नर्सिंग सुविधाओं से भी वंचित होना होगा। सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा प्रभावित होने से मरीजों को निजी लैब में अधिक रकम खर्च करनी पड़ेगी जो निम्न आयवर्ग के लोगों के लिए परेशानी का सबब है। 

नियमित किए जाने की मांग कर रहे मेडिकलकर्मी
झारखंड के पारा मेडिकलकर्मी सेवा नियमित किए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि 10 साल पहले भी मुख्यमंत्री ने अनुबंधकर्मियों को नियमित करने की बात कही थी। 2019 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य से अनुबंध शब्द को ही खत्म करना होगा। उन्होंने अनुबंधकर्मियों से 3 माह की मोहलत मांगी थी लेकिन अब 3 साल बीत गए। सोमवार को मुख्यमंत्री आवास घेरने जा रहे पारा मेडिकलकर्मियों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। तीखी नोंक-झोंक भी हुई। पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। हालांकि, स्वास्थ्यकर्मी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री के ओएसडी ने बातचीत की पेशकश की लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि बातचीत सीएम से ही होगी। 

राजभवन के समक्ष हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी
सेवा नियमित करने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में पारा मेडिकलकर्मी सोमवार को पहले मोरहाबादी मैदान में जुटे। वहां से जुलूस की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़े लेकिन उन्हें रोक दिया गया। पारा मेडिकलकर्मियों ने पहले ही कहा था कि 17 जनवरी से वे लोग बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। 24 जनवरी से आमरण अनशन करने की भी चेतावनी दी है। फिलहाल, सभी महिला-पुरुष पारा मेडिकलकर्मी राजभवन के समक्ष धरना पर बैठे हैं। 

अनुबंधकर्मियों को नियमित किए जाने का विरोध
गौरतलब है कि जहां हजारों पारा मेडिकलकर्मी नियमित किए जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं वहीं एक धड़ा इसका विरोध कर रहा है। कई आदिवासी संगठनों का आरोप है कि आरक्षण रोस्टर का पालन किए बिना लोगों की नियुक्तियां की गईं। अनियमितता बरती गई। बैकडोर से नियुक्तियां की गई और अब उन्हें नियमित किया जा रहा है जोकि गलत है। सोमवार को राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ के बैनर तले सड़क पर उतरे सैकड़ों लोगों ने सेवा नियमित किए जाने की मांग का विरोध किया और राज्य सरकार का पुतला फूंका। 

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