गोड्डा : महागामा थानेदार तो निलंबित हो गए, पर विधायक के खिलाफ क्यों उतरे पांच थाने के पुलिसकर्मी
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह की थाने में शिकायत नहीं लेने के विवाद के बाद गुरुवार को महागामा विधानसभा में हंगामा खड़ा हो गया है। एक ओर जहां गोड्डा एसपी शैलेंद्र वर्णवाल ने कार्रवाई करते हुए...
कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह की थाने में शिकायत नहीं लेने के विवाद के बाद गुरुवार को महागामा विधानसभा में हंगामा खड़ा हो गया है। एक ओर जहां गोड्डा एसपी शैलेंद्र वर्णवाल ने कार्रवाई करते हुए महागामा थानेदार बलिराम रावत को निलंबित कर दिया है, वहीं क्षेत्र के पांचों थानों के थाना प्रभारी सहित सभी स्टाफ ने मोर्चा खोल दिया है। एसपी को लिखे पत्र में इन्होंने अपना तबादला विधानसभा क्षेत्र से बाहर करने की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, विधायक दीपिका पांडे सिंह ने अपने कार्यकर्ता को एक चैनल के पत्रकार अर्णब गोस्वामी द्वारा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर अभद्र टिप्पणी के मामले पर बुधवार रात महागामा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने भेजा था। थानेदार द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर विधायक स्वयं थाना पहुंचीं और धरने पर बैठ गईं। घटना की सूचना मिलने पर गोड्डा एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल रात करीब 1 बजे महागामा थाना पहुंचे और विधायक से मामले की जानकारी ली। विधायक थाना प्रभारी को हटाने की मांग पर अड़ी थीं। एसपी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ। उनकी मांग पर थाने में मामला दर्ज कर लिया गया। इस विवाद को सुलझाने गुरुवार को दुमका डीआईजी राजकुमार लकड़ा महागामा पहुंचे। उन्होंने घटना को लेकर पुलिस पदाधिकारियों एवं विधायक दीपिका पांडे से बातचीत की। विधायक दीपिका पांडे सिंह ने डीआईजी से कहा कि जब एक जनप्रतिनिधि केस दर्ज कराने थाना पहुंचती हैं तो थाना प्रभारी टाल-मटोल करते हैं तो आम लोगों के साथ क्या होगा।
एसपी से कहा-विधायक धमकाती हैं : निलंबन की कार्रवाई के बाद देर शाम विधानसभा क्षेत्र के पांचों थाना के थाना प्रभारी और सभी स्टाफ ने एसपी को पत्र भेजा। पत्र में उन्होंने कहा कि विधायक और उसके लोग हमेशा पुलिसकर्मियों के सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं। उन्हें निलंबित करा देने की धमकी देते हैं, इस कारण वे लॉकडाउन का अनुपालन भी नहीं करवा पा रहे। इसलिए उनका तबादला विधानसभा क्षेत्र से बाहर कर दिया जाए।