झारखंड में क्यों आधी रात हॉस्टल से निकलीं 61 लड़कियां, 17 KM पैदल चल पहुंचीं DC ऑफिस
वार्डेन की प्रताड़ना से परेशान खूंटपानी कस्तूरबा की छात्राएं रविवार रात एक बजे पैदल 17 किमी दूर चाईबासा उपायुक्त कार्यालय फरियाद लेकर पहुंच गयीं। ये सभी छात्राएं वार्डेन की शिकायत लेकर वहां पहुंची।
वार्डेन की प्रताड़ना से परेशान खूंटपानी कस्तूरबा की छात्राएं रविवार रात एक बजे पैदल 17 किमी दूर चाईबासा उपायुक्त कार्यालय फरियाद लेकर पहुंच गयीं। सोमवार सुबह सात बजे 61 छात्राओं को कार्यालय पर देख शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन में हंगामा मच गया। आनन-फानन में डीएसई समाहरणालय पहुंचे और छात्राओं को किसी तरह समझा-बुझाकर वाहन से स्कूल भेजवाया। बाद में डीईओ और डीएसई ने स्कूल पहुंच छात्राओं, वार्डेन और शिक्षकों के साथ बैठक कर छात्राएं की समस्याएं जानीं।
सात दिन पहले भी भागी थीं कई छात्राएं
छात्राओं ने बताया कि स्कूल की कमी को बताने के लिए सात दिन पूर्व भी स्कूल से निकली थीं, लेकिन उस दिन गांव के लोगों ने रोक लिया। उन्हें समझाकर दूसरे दिन स्कूल पहुंचा दिया। समस्याओं का समाधान उस दिन से ही होना शुरू हो जाता तो शायद यह कदम नहीं उठाना पड़ता। लेकिन, स्कूल प्रबंधन ने मामले को दबा दिया और समस्याओं के समाधान की बजाय उन्हें डराना धमकाना शुरू कर दिया। बताया गया कि खूंटपानी कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय खूंटपानी में आठ सीसीटीवी तो लगे हैं, पर काम नहीं कर रहे थे। विद्यालय की सुरक्षा में हॉस्टल, स्कूल व बाउंड्री मिला तीन जगह गेट पर ताले लगे थे, पर सभी गेट खोल लिये गये।
विद्यालय प्रबंधन को नहीं लगी भनक
विद्यालय में 469 छात्राओं की सुरक्षा के लिए दिन में दो महिला और रात में एक पुरुष प्रहरी तैनात रहते हैं, पर रात में तैनात प्रहरी सो रहा था। इस कारण किसी को भनक तक नहीं लगी। अगर रात में उन बच्चियों के साथ कुछ अनहोनी हो जाती तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होता। इधर, बच्चियों ने अपने परिजनों को इस घटना की जानकारी दूरभाष पर दी।
कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की छात्राओं की मांग है कि पढ़ाई पूरी करायी जाए, वार्डेन बदला जाए, स्कूल की कमियों को दूर किया जाए, समस्याओं का समाधान किया जाए, स्कूल की शिक्षक और गार्ड पर कार्रवाई न हो।
मुखिया ने स्कूल के बारे में ये बात बताई
मुखिया स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सह स्थानीय मुखिया दोनो गोनो बांसिंग ने कहा कि हमेशा स्कूल के बारे में शिकायत मिलती रही है। स्कूल की कमियां और शिकायत के बारे शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को पूर्व में भी जानकारी दी गयी है, लेकिन शिक्षा विभाग की कमजोरी के कारण यह घटना घटी। स्कूल में मेन्यू के आधार पर भोजन नहीं कराया जाता है। स्कूल प्रबंधन हमेशा कम बजट होने का हवाला देता रहता है। भोया के मुखिया दोनो गोनो बांसिंग ने बताया कि घटना घटने के बाद जिला के प्रभारी डीईओ ने उनके साथ बदसलूकी की। उन्होंने घटना का आरोप मेरे ऊपर ही लगा दिया। कहा, यह क्या हो रहा है आपकी पंचायत में। आपके जैसे जनप्रतिनिधि ही यह सब करा रहे हैं। आप लोग इस तरह की राजनीति करा रहे हैं। डीईओ ने उन्हें मुखिया पद से हटवाने की भी धमकी दी है।
छात्राओं ने हो समाज के पदाधिकारियों के समक्ष रखी बात कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय खूंटपानी की छात्राओं ने हो समाज से आये प्रतिनिधियों एवं अभिभावकों के सामने भी अपनी बातें लिखित में रखीं। साथ ही गुहार लगायी कि उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाए। उनके साथ कई प्रकार से अन्याय किया जा रहा है। आज की घटना के बाद अब उन्हें नये तरीके से प्रताड़ित किये जाने का डर सता रहा है। इस दौरान आदिवासी हो समाज महासभा के केंद्रीय महासचिव यदुनाथ तियू, संयुक्त सचिव रवि बिरूली, कोषाध्यक्ष चैतन्य कुंकल, मानसिंह सामड, समाज सेवी बिरसा तियू, प्रखंड प्रमुख सिद्धार्थ होनहागा, भोया के मुखिया दोनो बांनसिंग, सुभाष पाडेया, विधायक प्रतिनिधि दुर्गा चरण पांडेया सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
प. सिंहभूम भाजपा जिलाध्यक्ष सतीश पुरी ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खूंटपानी की घटना निंदा की है। उन्होंने इसे अमानवीय घटना बताते हुए इसे भ्रष्टाचार का एक नमूना बताया। कहा, ऐसी घटना किसी भी कीमत पर भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगी। इसके लिए भाजपा की एक जांच कमेटी गठित की गयी है। कमेटी द्वारा जांच रिपोर्ट देने के बाद दोषियों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
वार्डेन सुशीला टोप्पो पर प्रताड़ना का आरोप
छात्राओं ने स्कूल की वार्डेन सुशीला टोप्पो पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। छात्राओं ने इन के नाम पर जबरन पैसा मांगने की बात कही। बताया कि हर माह सफाई के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं। स्कूल आनेवाले लोगों को स्कूल की कमी नहीं बताने के लिए दबाव दिया जाता है। उनसे जबरन शौचालय, नाली और गंदगी की सफाई करायी जाती है। मेन्यू के आधार पर भोजन नहीं मिलता है। स्कूल में कई विषयों के शिक्षक नहीं है, जिससे कोर्स पूरा नहीं हो रहा है। स्कूल की नली जाम होने पर पैसे मांगे जाते हैं। स्कूल में मिलने वाला सामान में कटौती की जाती है। सोने के लिए बेड और गद्दों की भी कमी है।
जिला प्रशासन ने जल्द समाधान किया दिया भरोसा
पश्चिमी सिंहभूम की प्रभारी डीईओ ललन सिंह ने कहा कि विद्यालय में बैठक कर छात्राओं की समस्याओं की जानकारी ली घई है। उपायुक्त अन्यन्य मित्तल को इससे अवगत कराया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि छात्राओं की समस्या का निदान किया जाएगा। जिले के डीएसई अभय कुमार सील ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद जांच की जा रही है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।