अब झारखंड के ज्यादा कोरोना प्रभावित जिलों में लॉकडाउन की तैयारी, वित्त मंत्री ने कही ये बात
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। पूरे राज्य में तो नहीं लेकिन जिन जिलों में कोरोना संक्रमण ज्यादा है, वहां फिर लॉकडाउन होगा। इस पर सरकार विचार कर रही है।...
झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है। पूरे राज्य में तो नहीं लेकिन जिन जिलों में कोरोना संक्रमण ज्यादा है, वहां फिर लॉकडाउन होगा। इस पर सरकार विचार कर रही है। मंत्री उरांव रविवार को धनबाद के दौरे के दौरान सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्व की स्थिति में अभी सुधार नहीं हुआ है। इस कारण विकास योजनाओं के लिए राशि निकासी पर लगी रोक जारी रहेगी। एरियर के भुगतान पर रोक भी नहीं हटेगी। सरकार का खजाना खाली है, यह हकीकत है, कोई राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं। कोरोना की मार ने खजाने पर और बोझ बढ़ा दिया है। राजस्व की प्राप्ति भी नहीं हो रही है। पिछली सरकार ने राज्य का बेड़ा गरक कर दिया था। हेमंत सरकार पटरी पर लाने का प्रयास कर रही है।
नोडल दुकान की व्यवस्था खत्म होगी
मंत्री ने कहा कि जिले में राशन कार्ड के लिए आवेदन करनेवालों के लिए नोडल राशन दुकान की व्यवस्था की गई है। यह सही नहीं है, इस व्यवस्था को खत्म किया जाएगा। एडीएम सप्लाई और डीएसओ को इसके लिए निर्देश किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर डीसी से भी बात होगी।
कांग्रेस भवन को खोलने का प्रयास
मंत्री में कहा कि धनबाद लुबी सर्कुलर स्थित कांग्रेस और इंटक भवन को फिर से खोलने का प्रयास जारी है। इसके लिए धनबाद के कांग्रेस के लोग रांची में मिले थे। आज भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई है। मंत्री ने कहा कि धनबाद के डीसी से बात करने पर पता चला कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए कोर्ट के निर्णय के बाद ही कोई कार्यवाही हो सकती है।
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
धनबाद सर्किट हाउस में मंत्री रामेश्वर उरांव और मंत्री बादल पत्रलेख के आगमन पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं। दोनों मंत्रियों के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में कांग्रेसी सर्किट हाउस में जुटे। मंत्री के आते ही भगदड़ मच गई। हर कोई मंत्री के साथ कमरे में जाने के किए उतावला दिखा। इस कारण किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रहा। मौके पर मौजूद डीसी अमित कुमार ने कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह असफल रहे।