राजस्थान के 'अपना घर आश्रम' में मिलीं आठ साल पहले बिछड़ीं पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की बहन, ऐसे हुई पहचान
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की बहन पिछले सात साल से राजस्थान के 'अपना घर आश्रम' में थीं। अब जाकर उनकी पहचान सामने आई है। सात साल से जारी इलाज के बाद हालत में सुधार...
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की बहन पिछले सात साल से राजस्थान के 'अपना घर आश्रम' में थीं। अब जाकर उनकी पहचान सामने आई है। सात साल से जारी इलाज के बाद हालत में सुधार होने पर उन्होंने बताया कि पूर्व सीएम की बहन मेसुनी देवी हैं। वर्षों बाद बहन के बारे में पता चलने पर पूर्व सीएम की खुशी खुलकर सामने आई। उन्होंने आश्रम को धन्यवाद देते हुए कहा कि जल्द से जल्द भरतपुर जाकर वह आश्रम को देखेंगे और कोशिश करेंगे कि वहां जैसी सुविधाएं झारखंड में स्थापित की जाएं।
पहचान सामने आने के बाद मेसुनी देवी परिवार में लौट गई हैं। दरअसल, मेसुनी देवी मानसिक अवसाद से ग्रसित होकर साल-2012 में अपने परिवार से बिछड़ गई थीं। वह किसी तरह 'अपना घर आश्रम' पहुंचीं। वहां वर्षों उनका उपचार चला। हालत में कुछ सुधार होने के बाद मेसुनी देवी ने बताया कि वह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की बहन हैं। इसके बाद आश्रम की ओर से मरांडी परिवार को इसकी सूचना दी गई। परिवारीजन मेसूनी देवी को आश्रम से घर ले आए।
ऐसा है अपना घर आश्रम
राजस्थान के भरतपुर में डॉ बीएम भरद्वाज (उम्र 53 वर्ष) और उनकी पत्नी डॉ माधुरी भरद्वाज ( उम्र 47 वर्ष) इस आश्रम का संचालन करते हैं। दोनों पेशे से होमियोपैथिक चिकित्सक हैं। वे स्कूल से साथ पढ़े। मिडिल स्कूल में पहुंचते-पहुंचते दोनों में प्यार हो गया। बड़े होने पर दोनों ने शादी का करने का फैसला किया। इसके साथ ही दोनों ने अपने जीवन को दीन दुखियों, बेसहारों की सेवा के लिए समर्पित करने का संकल्प भी लिया। उन्होंने आजीवन अपनी कोई संतान पैदा नहीं करने का भी संकल्प लिया।
आगे चलकर 2002 उन्होंने 'अपना घर आश्रम' की स्थापना की। इस वक्त यहां तीन हजार से ज्यादा महिलाओं-पुरुषों की देखरेख हो रही है। 50 से ज्यादा बच्चे भी रहते हैं जिनको यहां आश्रय ले रही महिलाओं ने जन्म दिया है। वे यह यह आश्रम 18 वर्षों से संचालित कर रहे हैं। डॉ.बीएम भारद्वाज कहते हैं कि उनके आश्रम में बेसहारा, मंदबुद्धि और लावारिस हालत में घूमते पाए गए लोगों को रखा जाता है। यहां उनकी सेवा परिवार की तरह की जाती है। साथ ही उनका इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि मेसुनी देवी उन्हें वर्ष 2013 में लावारिस हाल में घूमते हुए मिली थीं। उन्हें यहां लाया गया। तब वह अपने बारे में कुछ भी बता पाने में सक्षम नहीं थीं। इलाज के बाद जब उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ तो उन्होंने अपना नाम और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी की बहन होने की जानकारी दी। इसके बाद उनके परिवार को सूचना दी गई।
बाबूलाल मरांडी ने फोन पर की बात
बहन के बारे में जानकारी मिलने के बाद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आश्रम के निदेशक से बात की। उन्होंने कहा कि वह जल्द भरतपुर आकर आश्रम को देखेंगे। प्रयास करेंगे कि झारखंड में भी ऐसी ही सुविधा हो।