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केंद्र सरकार के राहत पैकेज से झारखंड के 30 हजार उद्योगों को सीधी राहत, जाने कैसे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 20 लाख रुपए करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से तीन लाख करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को लोन देने का ऐलान किया गया...

rupesh हिन्दुस्तान टीम, रांची धनबादThu, 14 May 2020 05:49 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 20 लाख रुपए करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से तीन लाख करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को लोन देने का ऐलान किया गया है। इससे झारखंड के 30 हजार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के दिन बहुरने की आशा प्रबल हो गई है। इनमें कार्यरत लगभग सात लाख लोगों के रोजगार पर छाए संकट के बादल भी दूर हो जाएंगे।

 कोरोना काल में अपनी कार्यशील पूंजी गंवा चुके उद्योगों को आसानी से लोन मिलने की संभावना है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए तय किए तीन लाख करोड़ के लोन में से छह हजार करोड़ झारखंड के उद्योगों के हिस्से में आ सकता है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में झारखंड की हिस्सेदारी दो फीसदी है।

आयरन व स्टील उद्योग को संरक्षण की जरूरत  : धनबाद में आयरन और स्टील उद्योग तेजी से स्थापित हुए हैं। कोयला उद्योगों के बाद इस कारोबार में ही ज्यादा यूनिट की स्थापना की गई है। लॉकडाउन के पहले जिले में बड़े 10 से भी अधिक यूनिट काम कर रही थी। आयरन और स्टील उद्योग से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि जिले में 25 से 30 हजार टन का प्रतिमाह उत्पादन होता था। लॉकडाउन से सभी फैक्टरियां बंद हैं। जय टीएमटी के संचालक अमितेश सहाय ने बताया कि इस उद्योग को फिर से खड़ा होने में समय लगेगा। बाजार की मांग पर ही निर्भर है कि आयरन और स्टील उद्योग लॉकडाउन की मार से कैसे उबरेगा। उनका कहना है कि जिले में इस उद्योग से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पांच हजार से अधिक लोग जुड़े है। प्रतिमाह 70 से 75 करोड़ का कारोबार होता है। लॉकडाउन के कारण कारोबारी के पास पूंजी की कमी है। 

90 हजार कर्मचारियों का पीएफ भरेगी सरकार : प्रधानमंत्री के एलान की केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से दी गई जानकारी में 2500 करोड़ रुपए व्यवसाय और कर्मचारियों के भविष्य निधि सहयोग के लिए हैं। इस योजना के तहत रांची स्थित भविष्य निधि आयुक्तालय लगभग छह हजार प्रतिष्ठानों के 90 हजार कर्मचारियों का चयन पहले ही कर चुका है। इनके भविष्य निधि खातों में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की हिस्सेदारी तीन महीने तक सरकार भरेगी। गैर वित्तीय कंपनियों को मिलने वाले 45 हजार करोड़ का फायदा झारखंड के गांव में रहने वाले लोगों को भी मिलेगा। इसी तरह बिजली उत्पादन कंपनियों को मिलने वाले 90 हजार करोड़ के पैकेज का फायदा पतरातू स्थित निर्माणाधीन बिजली परियोजना को मिलेगा।

50 हजार करोड़ की निर्माण परियोजनाओं को रफ्तार : सभी सरकारी एजेंसियां कांट्रैक्ट में छह महीने का विस्तार देगी। इससे प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार की 50 हजार करोड़ की निर्माणाधीन परियोजनाओं को गति मिलेगी। इन परियोजनाओं में सड़क, बिजली, पानी, जलापूर्ति और भवन निर्माण परियोजनाएं शामिल हैं।

सूबे की कंपनियों और कामगारों को राहत : केंद्र सरकार द्वारा राहत पैकेज की घोषणा से कोल्हान की 1745 छोटी-बड़ी कंपनियों और 2.69 लाख कामगारों को फायदा होगा। इन कंपनियों में लॉकडाउन के बाद से काम ठप है। इन कंपनियों के संचालक राहत पैकेज से खुश हैं। अकेले आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में ही करीब 1100 कंपनियां हैं। उद्यमियों ने कहा कि अब निवेश आधारित क्राइटेरिया को हटाकर टर्नओवर आधारित किया गया है। 20 करोड़ के टर्नओवर में बाहर हो जानेवाले उद्योग अब 100 करोड़ तक के टर्नओवर तक के एमएसएमई टेंडर में भाग ले सकते हैं। बिना गारंटी के लोन से भी उद्योगों का काफी फायदा होगा। एनपीए अकाउंट को भी बैंकों से आर्थिक मदद मिलेगी। साथ ही 200 करोड़ तक के टेंडर ग्लोबल नहीं होने से स्थानीय उद्योगों को बड़ा फायदा होगा। 

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