कोरोना काल में अर्थव्यवस्था के लिए धनबाद से अच्छी खबर, लोडिंग और कमाई दोनों में फिर नंबर वन बना रेल मंडल
कोरोना महामारी के बीच चारों तरफ से बुरी खबरें ही सुनने को मिल रही हैं। बुरे वक्त के इस दौर में धनबाद रेल मंडल के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है। लॉकडाउन जैसी विपरीत परिस्थिति होने...
कोरोना महामारी के बीच चारों तरफ से बुरी खबरें ही सुनने को मिल रही हैं। बुरे वक्त के इस दौर में धनबाद रेल मंडल के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है। लॉकडाउन जैसी विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद धनबाद डिवीजन ने अपनी खोई हुई ख्याति को फिर से पा लिया है। पिछले वित्तीय वर्ष में एक नंबर से फिसल कर तीसरे पायदान पर पहुंचा धनबाद रेल मंडल फिर से लोडिंग में देश का सरताज बन गया है।
नया वित्तीय वर्ष धनबाद रेल मंडल के लिए खुशियां लेकर आया है। चालू वर्ष के पहले दो महीनों में धनबाद डिवीजन ने करीब 26.6 मिलियन टन लोडिंग कर ली है। 31 मई तक की लोडिंग के अनुसार दूसरे स्थान पर रहे चक्रधरपुर डिवीजन और तीसरे स्थान पर रहे बिलासपुर रेल मंडल की लोडिंग 24.5 एमटी के आसपास ही रही। वित्तीय वर्ष 2020-2021 की शुरुआत भी कोरोना के साए में ही हुई थी। पिछले वित्तीय वर्ष में धनबाद डिवीजन अप्रैल और मई में करीब 13 एमटी ही लोडिंग कर पाया था। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष लदान दोगुना हो गया है। लगातार दूसरे महीने में बेहतर प्रदर्शन के कारण डीआरएम आशीष बंसल और उनकी टीम गदगद है।
दो महीने में दो हजार करोड़ राजस्व का इजाफा
लोडिंग के आंकड़े बढ़ने के साथ धनबाद डिवीजन की कमाई का पहिया भी दौड़ पड़ा है। पहले दो महीने में धनबाद डिवीजन के राजस्व आमदनी में पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा दो हजार करोड़ रुपए का इजाफा दर्ज किया गया है। अप्रैल में धनबाद डिवीजन को लोडिंग से 1,674.86 करोड़ रुपए मिले थे। जबकि मई माह में करीब 1,748 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। दोनों माह को मिला कर धनबाद डिवीजन अभी तक 3,422.8 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त कर चुका है। पिछले साल अप्रैल और मई को मिला कर धनबाद डिवीजन 1,492.93 करोड़ रुपए ही कमा सका था। इस हिसाब से प्रारंभिक दो महीने में ही धनबाद डिवीजन को पिछले साल की तुलना में 1,929.87 करोड़ रुपए अधिक आय हो चुकी है।
देश की अर्थव्यवस्था बमबम, बढ़ी कोयले की मांग
धनबाद डिवीजन की लोडिंग में इजाफा भारतीय अर्थव्यवस्था को बमबम कर दिया है। अर्थशास्त्री इसे देश के लिए अच्छा संकेत मान रहे हैं। पिछले लॉकडाउन में पावर हाउसों का बेड़ा गर्क हो गया था। पावर जेनरेशन की हालत पूरे साल खस्ता ही रही थी। लेकिन इस वित्तीय वर्ष में पावर हाउसों में बिजली उत्पादन के लिए कोयले की मांग में भारी उछाल है। रेल अधिकारियों ने बताया कि पावर प्लांटों को जरूरत के हिसाब से कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। यास तूफान और कोरोना के कारण लदान प्रभावित हुए। रेक की अनुपलब्धता भी आड़े आ रही है। अभी धनबाद डिवीजन में हर दिन 115 से 120 रेक की लोडिंग हो रही है। जून में इसे बढ़ा कर 130 रेक तक करने का लक्ष्य है।