क्या आप बचपन से मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, जानिए; बाल पत्रकारों के इस सवाल का सीएम हेमंत ने क्या जवाब दिया
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाल दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों से मुलाकात की। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चे पत्रकार की भूमिका में थे। इन बाल पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से बहुत सारे सवाल पूछे और मुख्यमंत्र
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बाल दिवस के मौके पर स्कूली बच्चों से मुलाकात की। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चे पत्रकार की भूमिका में थे। इन बाल पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से बहुत सारे सवाल पूछे और मुख्यमंत्री ने भी सहजता के साथ उनका जवाब दिया। कुछ बाल पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से उनके राजनीतिक जीवन तो कुछ बच्चों ने निजी जीवन के बारे में सवाल पूछे। कुछ बच्चों ने मुख्यमंत्री से जानना चाहा कि वे झारखंड की सबसे बड़ी समस्या किसे मानते हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ हंसी-मजाक भी किया और उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी।
क्या आप बचपन से मुख्यमंत्री बनना चाहते थे?
बाल पत्रकार रश्मि रंजन ने पूछा कि क्या आप बचपन से मुख्यमंत्री बनना चाहते थे? इस सवाल के जवाब में सीएम हेमंत ने कहा कि कोई भी बचपन से मुख्यमंत्री या मंत्री नहीं बनना चाहता। कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं राजनीतिक परिवार से आता हूं। मेरे पिता शिबू सोरेन आंदोलनकारी रह चुके हैं। वे आंदोलन से फिर राजनीति में आए। घर में पॉलिटिकल वातावरण था। राजनीतिक रूप से कई घटनाक्रम ऐसे हुए कि मुझे राजनीति में आना पड़ा। ये संयोग था। राज्य की जनता ने आज मुझे मुख्यमंत्री बनाया।
बाल पत्रकार अनुप्रिया ने पूछा कि हमारे राज्य में कई लड़कियों ने खेल जगत में सफलता पाई है लेकिन आज भी कई माता-पिता अपनी बेटियों को खेलने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते। आप क्या कहेंगे? मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं उन माता-पिता से कहना चाहूंगा कि जितना जरूरी पढ़ना है उतना ही जरूरी खेलकूद भी है। खेल कर भी बच्चा नाम रौशन कर सकता है। देश का गौरव बन सकता है। जिस भी बच्चे की खेल में रुचि हो उसे जरूर प्रोत्साहित करना चाहिए। हमारे राज्य की कई बच्चियों ने ये साबित किया है।
सीएम से बाल अधिकार संरक्षण के बारे में पूछा
बाल पत्रकार शिवम प्रमाणिक ने पूछा कि बाल अधिकारों को सुनिश्चित करना कितना जरूरी है? जवाब में सीएम ने कहा कि बाल अधिकारों का संरक्षण बहुत जरूरी है। बच्चे भविष्य की पीढ़ी के रूप में राज्य और देश के विकास में योगदान देते हैं। बाल अधिकारों तक पहुंच की पहुंच सुनिश्चित होगी तभी वे बेहतर भविष्य का रास्ता तय कर पाएंगे। बाल पत्रकार डिंपल कुमारी ने पूछा कि लड़कियों को भी खेल के क्षेत्र में समान अवसर मिले इसके लिए सरकार क्या कर रही है? सीएम ने कहा कि हमने बहुत सारी योजनाएं चलाई हैं जिसका परिणाम है कि फुटबॉल में अष्टम, हॉकी में निकी, सलीमा और संगीता तथा तीरंदाजी में दीपिका जैसी खिलाड़ियों ने अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है। हम खिलाड़ियों को नौकरी दे रहे हैं। आरक्षण दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं हैरान हूं कि हमारे राज्य में लड़कों से ज्यादा लड़कियों ने खेल में कामयाबी पाई है।
मुख्यमंत्री हेमंत का पसंदीदा खेल कौन सा है
बाल पत्रकार पल्लवी ने मुख्यमंत्री से पूछा कि उनका पसंदीदा खेल कौन सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बचपन में फुटबॉल, स्विमिंग, क्रिकेट, बैडमिंटन और एथलेटिक्स जैसे कई खेल खेलते थे। चोट लगने की वजह से घर में डांट भी पड़ती थी। अभी भी जब वक्त मिलता है तो क्रिकेट में हाथ आजमाते हैं। विधायकों का क्रिकेट मैच भी होता है। सीएम ने कहा कि अभी व्यस्तता की वजह से नियमित रूप से मौका नहीं मिल पाता लेकिन जब भी मौका मिलता है तो खेलते हैं। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आज जहां भी हूं उसमें माता-पिता का बहुत योगदान है।
उन्होंने पत्नी कल्पना सोरेन को भी अपनी सफलता का श्रेय दिया। कहा कि यदि परिवार का समर्थन नहीं होता तो इतना काम नहीं कर पाता। बाल पत्रकार सरिता मुंडा के सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि हमारे राज्य में अशिक्षा और कुपोषण 2 बड़ी समस्याएं हैं। यदि इनका समाधान हो गया तो 80 फीसदी मुश्किल हल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हम शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचा विकसित कर रहे हैं। कुपोषण मिटाने पर भी जोर है।