चंपई सोरेन ने स्टूडेंट्स को दिया तोहफा, शुरू की मांकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना; 10वीं पास को कैसे मिलेगा लाभ
चंपई सोरेन ने कैबिनेट बैठक में छात्राओं को तकनीकी शिक्षा के लिए नामांकन में रुचि बढ़ाने और आर्थिक सहायता के लिए मांकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दे दी है। तीन हजार को इसका फायदा मिलेगा।
राज्य की 4200 छात्राओं को तकनीकी शिक्षा के लिए नामांकन में रुचि बढ़ाने और आर्थिक सहायता के लिए चंपई सोरेन सरकार मांकी मुंडा छात्रवृत्ति योजना शुरू करेगी। उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति दी गई। झारखंड मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
सरकारी, निजी और पीपीपी मोड पर संचालित डिप्लोमा स्तरीय कोर्स में नामांकन लेने वाली 10वीं कक्षा पास छात्राओं को हर साल 15 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि मिलेगी। योजना का लाभ 3 हजार छात्राओं को मिलेगा। इसके लिए छात्राओं को राज्य में स्थित शैक्षणिक संस्थानों से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई और आईटीआई पास होना अनिवार्य है। जेटेट परीक्षा आयोजन नियम प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली।
कौन हैं मांकी मुंडा
मुंडा विद्रोह उलगुलान के समय भगवान बिरसा मुंडा के सेनापति के रूप में गया मुंडा ने अहम योगदान दिया था। जिनकी मृत्यु छह जनवरी 1900 को हुई। अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह करने के कारण गया मुंडा और उसके पुत्र सानरे मुंडा को छह जून 1900 में फांसी दे दी गई। जबकि उनके दूसरे पुत्र-पुत्रियों सहित पत्नी मांकी मुंडा को आजीवन कारावास का दंड दिया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उलगुलान करने को लेकर गया के पूरे परिवार को सजा दे दी गई। राज्य सरकार ने मांकी नाम से छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना शुरू की है।
विद्यार्थियों के लिए छात्रावास पोषण योजना होगी शुरू
कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित छात्रावासों के निर्माण, संचालन एवं प्रबंधन के लिए राज्य में एसटी, एससी, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक छात्रावास पोषण योजना 2024 की शुरुआत की जाएगी। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर हरी झंडी मिली है। योजना लाने के पीछे का उद्देश्य यह है कि छात्रावास में रहने वाले छात्र-छात्राएं यहां की साफ-सफाई तथा सुरक्षा से मुक्त होकर अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर देकें।
प्रस्ताव के तहत छात्रावासों का संचालन अब गैर सरकारी संस्थानों (एनजीओ) के माध्यम से किया जाएगा। चयनित एनजीओ छात्रावास प्रबंधन समिति (अध्यक्ष प्रखंड कल्याण पदाधिकारी या जिला कल्याण पदाधिकारी होंगे) के साथ समन्वय बनाकर छात्रावासों का संचालन और प्रबंधन करेंगे। एनजीओ द्वारा यहां रहने वाले विद्यार्थियों को पका हुआ भोजन कल्याण विभाग द्वारा निर्मित मेनू के अनुसार दिया जाएगा।