पारा शिक्षकों का वेतन बढ़ा तो झारखंड सरकार पर आएगा 50 करोड़ से ज्यादा का बढ़ेगा बोझ
झारखंड के पारा शिक्षकों के वेतनमान स्थायीकरण और सेवा शर्त नियमावली का प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने मंत्री जगरनाथ महतो को सौंप दिया है। शिक्षा मंत्री प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं। अध्ययन के बाद वे इसी...
झारखंड के पारा शिक्षकों के वेतनमान स्थायीकरण और सेवा शर्त नियमावली का प्रस्ताव शिक्षा विभाग ने मंत्री जगरनाथ महतो को सौंप दिया है। शिक्षा मंत्री प्रस्ताव का अध्ययन कर रहे हैं। अध्ययन के बाद वे इसी सप्ताह पारा शिक्षकों के संगठन को प्रस्ताव का प्रारूप देंगे। पारा शिक्षक प्रस्ताव को अच्छी तरह से देखेंगे, जिससे पता चल सके कि इसमें बिहार के नियोजित शिक्षकों के समान व्यवस्था की गई है या नहीं।
बिहार की तर्ज पर जो कुछ छूट गया होगा, उस ओर पारा शिक्षक शिक्षा मंत्री और विभाग का ध्यान आकृष्ट कराएंगे। प्रस्ताव की कमियों को पारा शिक्षकों के संगठन लिखित रूप में शिक्षा मंत्री को सौंपेंगे। उसके बाद शिक्षा विभाग पारा शिक्षकों के उन सुझावों को प्रस्ताव में अंतिम रूप से जोड़ा जाएगा। शिक्षा मंत्री और पारा शिक्षकों की ओर से अंतिम सहमति दिए जाने के बाद प्रस्ताव को वित्त और विधि विभाग की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
हर माह 50 करोड़ से ज्यादा का बढ़ेगा बोझ
प्रारूप के अनुसार, राज्य के 65 हज़ार पारा शिक्षकों को 5200 से 20200 का वेतनमान, 2000-2400 का ग्रेड-पे और राज्य कर्मियों की तरह महंगाई भत्ता मिलेगा। यह राशि सातवें वेतनमान के प्रावधानों के अनुरूप दी जाएगी। इससे पारा शिक्षकों को हर माह मिल रही राशि में 9000 तक का इजाफा होगा। इससे हर माह राज्य सरकार पर 52 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ने की संभावना है। यह बोझ सालाना 624 करोड़ रुपये का होगा। वर्तमान में पारा शिक्षकों के मानदेय पर 79 करोड़ रुपये हर महीने खर्च होता है। वहीं, शुरुआत में जब सिर्फ टीईटी पास पारा शिक्षकों को वेतनमान का लाभ मिलेगा तब उन पर करीब 10 करोड़ अतिरिक्त खर्च होंगे। वर्तमान में टीईटी पास पहली से पांचवी के पारा शिक्षकों को 14000 रुपये और छठी से आठवीं के पारा शिक्षकों को 15000 रुपये मिलते हैं।