Hindi Newsझारखंड न्यूज़Bail application of 17 foreigner Tablighi Jamaat rejected by Civil Court who were doing Religious activity and religious preaching after got tourist visa for india

टूरिस्ट वीजा लेकर धर्म प्रचार करनेवाले विदेशी तबलीगी जमातियों की जमानत अर्जी खारिज

टूरिस्ट वीजा लेकर धर्म प्रचार करनेवाले तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशियों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। सोमवार को सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत अर्जी...

Sunil Abhimanyu रांची। वरीय संवाददाता, Mon, 8 June 2020 03:15 PM
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टूरिस्ट वीजा लेकर धर्म प्रचार करनेवाले तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशियों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। सोमवार को सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सभी विदेशी जेल में हैं। 

यूके का महासीन अहमद एवं शिपहान हुसैन खान समेत अन्य विदेशियों की ओर से 25 मई को जमानत याचिका दाखिल की गयी थी। 12 मई को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद राहत के लिए ऊपरी अदालत में याचिका दाखिल की गई है।

इनलोगों के खिलाफ हिंदपीढ़ी थाना में 7 अप्रैल, 2020 को कांड संख्या  34/20 के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। हालांकि, पुलिस ने इन विदेशी नागरिकों को 30 मार्च को बड़ी मस्जिद से हिरासत में लेकर पृथकावास में भेजा था। 22 अप्रैल को मामले के सभी आरोपियों को रिमांड पर लिया गया। तबलीगी जमात की मलेशियायी महिला राज्य की पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज थी। 30  मार्च को सभी पकड़े गये थे और 31 मार्च को महिला पॉजिटिव पायी गयी थी।
 
क्या है आरोप?
इन पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने, टूरिस्ट वीजा पर आकर धर्म का प्रचार प्रसार करने, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत महामारी नियमों का उल्लंघन करने, संक्रमण फैलाने का वाहक बनने, लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करने की धाराओं तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

रहना पड़ेगा जेल में
अदालत ने आरोपी लंदन के जाहेद कबीर, शिपहान हुसैन खान, यूके का महासीन अहमद, काजी दिलवर हुसैन, वेस्टइंडीज का फारूख अल्बर्ट खान, हॉलैंड का मो. सिफुल इस्लाम, त्रिनिदाद का रसयिदा औनी मजिहा बिनती रजाक, जामिबिया के मूसा जालाव, फरमिंग सेसे,  मलयेशिया का सिति आयशा बिनती मत इसा, नूर रशीदा बिनती तोमादी, नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामन, महाजीर बीन खामीस, मो. शफीक बिन मत इसा, हाजी मेराज एवं मो अजीम बिन सुलेमान उर्फ अजीम की याचिका खारिज की।
 

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