भ्रष्टाचार की रेत में फंसा स्वास्थ्य सुविधाओं का पहिया, पारा मेडिकलकर्मियों की हड़ताल पर बोले बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का पहिया भ्रष्टाचार की रेत में फंसा है। कहा कि सरकार ने झूठे वादे किए,खामियाजा जनता भुगत रही है।
झारखंड के 3 हजार से ज्यादा पारा मेडिकलकर्मी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। इतनी बड़ी संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल पर जाने की वजह से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। झारखंड की सीएचसी, पीएचसी और सदर अस्पतालों में इलाज, वैक्सीनेशन, टेस्टिंग सहित ब्लड बैंक सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। अब इस मसले पर मुख्य विपक्षी पार्टी, बीजेपी की प्रतिक्रिया सामने आई है। बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का पहिया भ्रष्टाचार की रेत में फंसा है।
बाबूलाल मरांडी ने लगाया वादा-खिलाफी का आरोप
पारा मेडिकलकर्मियों की हड़ताल पर प्रतिक्रिया देते हुए बाबूलाल मरांडी ने ट्विटर पर लिखा कि भ्रष्टाचार की रेत में फंसी स्वास्थ्य सुविधाओं का पहिया, धक्का लगाने को मजबूर जनता और कराहती मातृशक्ति। कभी खाट पर, कभी पैदल तो कभी सड़कों पर ही बच्चा जनने को मजबूर महिलाएं। लिखा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की इस दुर्दशा पर झारखंड सरकार सोई हुई है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कल (सोमवार) को राज्य भर के चिकित्साकर्मी मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास तक जा पहुंचे। सीएम तो मिले नहीं उल्टे महिला कर्मियों को भी पुलिस के जवानों ने पीटा और दुर्व्यवहार किया। अब राज्य के सारे पारा चिकित्साकर्मी हड़ताल पर चले गए हैं। कहा कि सरकार के झूठे वादों का खामियाजा जनता भुगत रही है।
झारखंड के 3 हजार से ज्यादा पारा मेडिकलकर्मी हड़ताल पर
गौरतलब है कि झारखंड के 3 हजार से पारा मेडिकलकर्मी सहित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत एएनएम और जीएनएम कर्मी सेवा नियमित करने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को राज्यभर के पारा मेडिकलकर्मी राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में जुटे और रैली की शक्ल में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले लेकिन पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। इस बीच पुलिस ने हल्का बलप्रयोग किया। आंदोलनरत पारा मेडिकलकर्मियों ने राजभवन के सामने बैरिकेडिंग भी तोड़ी। पारा मेडिकलकर्मियों का कहना है कि सीएम हेमंत सोरेन ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 3 माह के भीतर सेवा नियमित करने का वादा किया था। 3 साल बीत गए लेकिन कोई कदम नहीं उठाया।