औरैया हादसा : यूपी से कमाऊ 11 बेटों के शव पहुंचे तो फट गया कलेजा
बोकारो जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के गोपालपुर और खिराबेड़ा में शवों के पहुंचने के साथ ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। गांव में जब कमाऊ बेटों के शव...
बोकारो जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर पिंड्राजोरा थाना क्षेत्र के गोपालपुर और खिराबेड़ा में शवों के पहुंचने के साथ ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
गांव में जब कमाऊ बेटों के शव पहुंचे तो गम के मारे में कलेजे फट गए। तीन दिनों हो चुके शवों से दुर्गंध फैल चुकी थी। जिस कारण बिना देर किए एंबुलेंस से ही पारंपरिक रीति रिवाज के साथ सोमवार दोपहर चार बजे सात शवों को समाधी बनाकर दफनाया गया। वहीं, चार शवों का गवई नदी के घाट पर दाह संस्कार किया गया। जिसमें से खीराबेड़ा के किरीटी कालिंदी, गोर्वधन कालिंदी, रंजन कालिंदी, गोपालपुर के राजा गोस्वामी, उत्तम गोस्वामी और सोमनाथ गोस्वामी को रीति रिवाज अनुसार समाधि बनाकर दफनाया गया। वहीं, कनिलाल महतो, मनोरथ महतो, चक्रधर महतो और डॉक्टर महतो का दाह संस्कार किया गया। इस दौरान भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी।
चार दिन के बच्चे लिए राहुल की पत्नी शव देख हुई बेहोश : मृतकों के परिजन अपनों ने अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाने पीड़ा बयां की। कहा कि औपचारिक दर्शन कराया गया। शव पहुंचते ही सोमनाथ गोस्वामी, राहुल सहिस और उत्ताम गोस्वामी के परिजन सुध-बुध खो बैठे। एंबुलेंस में पति के शव को देखकर ही राहुल सहिस की पत्नी बेहोश हो गई। मृतक सोमनाथ गोस्वामी की मां विगत दो दिनों से अचेत हैं। दो बेटियां मां को ढांढस बांधने में लगी थीं। लेकिन, बहनों का भी रो-रोकर बुरा हाल है। संगे संबंधियों ने शव को रिसीव किया। चक्रधर महतो की पत्नी दिपाली बार-बार लोगों से पति को वापस आने की बात कर रही थी। गोस्वामी परिवार का रो-रोक बुरा हाल था। राहुल सहिस की पत्नी अपने चार दिन के बेटे को गोद में लिए गांव में पहुंची भीड़ को सिर्फ देखे जा रही थी। मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहे थे। अगर उसे कोई उसके पति की याद दिलाता तो बेहोश हो गिर जाती। अब भी उसे यकीन है कि पति लॉकडाउन में बाहर हैं। लॉकडाउन हटते ही गांव पहुंचेंगे।
एक आंगन से निकली तीन लोगों की अर्थियां : मृतकों में राजा, उत्तम व सोमनाथ आपस में चचेरे भाई थे। एक ही आंगन में तीनों का परिवार अलग-अलग रहता है। तीनों का लालन-पालन भी एकसाथ हुआ था। तीनों एक साथ नौकरी करने राजस्थान गए थे। तीनों की तमन्ना थी कि घर आकर अपना-अपना बढ़िया घर बनाएंगे। जैसे ही तीनों चचेरे भाईयों का शव पहुंचा उन्हे देखकर पूरा टोला शोक की लहरों में डूब गया। ग्रामीणों की आंखों नम थीं। सोमनाथ गोस्वामी की मां बेला देवी पर तो मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा है। पति के बाद बेटा सहारा बना। अब वह भी चला गया। घर पर पहुंचे लोगों से कहती है कि बेटा को ला दो। पड़ोसियों ने बताया कि बहन की शादी और पक्का मकान बनाने का सपना लेकर तीनों चचेरा भाई गांव छोड़कर बाहर कमाने गए थे। तीनों जब गांव आते थे तो पूरा टोला में खुशियां होती थीं। लेकिन, एक साथ तीनों चचेरे भाइयों की मौत से पूरे टोला में मातक छा गया है। सोमनाथ गोस्वामी की मां बेला देवी ने बताया कि बहन की शादी के बाद खुद शादी करने की बात करता था।
चास बीडीओ के पैर पर गिर पड़े राजा गोस्वामी के पिता : मृतक राजा जेलर गोस्वामी के पिता अधीर गोस्वामी (60 वर्ष) पुत्र का शव देखकर होश खो बैठे। चास बीडीओ संजय शांडिल्य के पैर पर गिर पड़े। कहा अब मुझे जीने की कोई तमन्ना नहीं है। बेटा रहा नहीं तो हम रहकर क्या करेंगे। बोले कि बेटा ने घर मरम्मत के लिए रुपये लाने की बात कही थी। वह रुपये लेकर आ भी रहा था। जिससे घर की मरम्मत होनी थी। कहा था अपना एक अलग कमरा भी बनाएंगे। लेकिन, अब वह हमें छोड़कर सदा के लिए चला गया। वे बेटे के शव को देखकर बार-बार चीत्कार करते हुए सुधबुध खो जा रहे थे। भगवान का नाम लेते हुए हे भोले बाबा कि करली...आमार जेगाई आमार बेटा के केने नीये गेली... उठाइले आमाके। अधीर की ऐसी हालत देखते हुए चास बीडीओ की भी आंखें नम हो गईं। किरीटी कालिंदी के बुजुर्ग पिता सुरेन्द्र कालिंदी अब भी बेटे को खोज रहे थे। एबुलेंस के साथ पहुंचे लोगों से पूछ रहे थे कि किरीटी आ गया।। मृतक की पत्नी दुंधमुहे बच्चे को लेकर अचेत पड़ी थी। बुजुर्ग पिता परिवार को ढांढस बांधते नजर आए। हिम्मत जुटाकर बच्चों को चुप कराने की कोशिश कर रहे थे।
सदर अस्पताल पहुंचे बिरंची : उत्तर प्रदेश के औरैया में हुई सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल चार युवकों को यूपी से एंबुलेंस से लाने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसमें उमेश, काजल, शंभू और धनंजय कालिंदी शामिल हैं। सोमवार को सदर अस्पताल पहुंच कर विधायक बिरंची नारायण ने हाल जाना।