HIV संक्रमित युवती ने संक्रमित युवक से की शादी, अब स्वस्थ बच्चे को देगी जन्म
धनबाद की 27 वर्षीय युवती एचआईवी संक्रमित है। यह खतरनाक बीमारी भी इसका हौसला नहीं तोड़ पाया। उसने उम्मीद नहीं छोड़ी। युवती ने संक्रमित युवक से शादी की। दोनों ने परिवार को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
धनबाद की 27 वर्षीय युवती एचआईवी संक्रमित है। यह खतरनाक बीमारी भी इसका हौसला नहीं तोड़ पाया। उसने उम्मीद नहीं छोड़ी। युवती ने संक्रमित युवक से शादी की। दोनों ने परिवार को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। अब गर्भवती है। डॉक्टरों की नियमित देखरेख में है।
स्वस्थ बच्चों को जन्म देगी एचआईवी संक्रमित महिलाएं
इसी साल मां बनने वाली है। स्वस्थ्य बच्चे को जन्म देगी। जिला में यह अकेली महिला नहीं है। तीन और हैं, जिन्होंने एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से जूझते हुए अपने जीने के हौसले को बरकरार रखा है। ये भी मां बनने वाली है। एसएनएमएमसीएच के विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में एचआईवी संक्रमित इन चारों गर्भवतियों का इलाज चल रहा है। ये नियमित रूप से जांच करा रही हैं और डॉक्टर के निर्देश पर दवाएं ले रही हैं। एक का प्रसव इस साल फरवरी में होने की संभावना है। दूसरे की अप्रैल, तीसरे की मई और चौथे की जुलाई में प्रसव कराया जाएगा। डॉक्टरों की मानें तो चारों एचआईवी संक्रमित महिलाएं स्वस्थ बच्चे को जन्म देंगी। ऐसी डिलीवरी एसएनएमएमसीएच में पहले भी कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग एड्स को लेकर काफी गंभीर है। इसके लिए कई निर्देश जारी किए गए है।
पिछले साल 12 संक्रमित महिलाएं बनी थीं मां
पिछले 12 एचआईवी संक्रमित महिलाओं का प्रसव कराया गया था। इसमें छह धनबाद जिले की थीं। बाकी छह महिलाएं दूसरे जिलों से आई थीं। इन सभी के बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं। एचआईवी संक्रमित सभी गर्भवती की दवा एआरटी से चल रही है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ भी उनकी नियमित जांच कर रही हैं। उम्मीद है सभी एचआईवी मुक्त बच्चे को जन्म देंगी। एसएनएमएमसीएच में पहले भी इस तरह का प्रसव कराया गया है।
गर्भ में पल रहे बच्चे पर नहीं होता कोई असर
डॉक्टरों की मानें तो गर्भवती मां से उसके होने वाले बच्चे के संक्रमित होने का खतरा रहता है, लेकिन एड्स को लेकर फैलायी जा रही जागरुकता, गर्भवतियों की एचआईवी जांच और एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) से अब संक्रमित मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के संक्रमित होने का खतरा नहीं के बराबर रह गया है। सभी गर्भवती की एचआईवी जांच अनिवार्य कर दी गई है। इस जांच में यदि कोई संक्रमित मिलती है तो उसका एआरटी शुरू हो जाता है। उसका विशेष चिकित्सीय ख्याल रखा जाता है। इससे गर्भ में पहले रहे बच्चे पर बीमारी का असर नहीं पड़ा है।