झारखंड में तीन मंत्रियों समेत 11 प्रतिशत विधायक हो चुके हैं कोरोना संक्रमित
झारखंडल में तीन मंत्रियों समेत करीब-करीब 11 प्रतिशत विधायक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। विधायकों और मंत्रियों में कोविड की पुष्टि के बाद सरकार और विधानसभा का कामकाज बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है।...
झारखंडल में तीन मंत्रियों समेत करीब-करीब 11 प्रतिशत विधायक कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। विधायकों और मंत्रियों में कोविड की पुष्टि के बाद सरकार और विधानसभा का कामकाज बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है। सबसे ज्यादा असर उन विभागों पर पड़ा है, जिसके मंत्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
आम लोगों की तरह ही भारत के कई राज्यों के मंत्री कोरोना की चपेट में आ गए। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे, लेकिन इलाज के बाद ठीक होकर वे अपने काम पर वापस लौट चुके हैं। 81 विधायकों वाली झारखंड विधानसभा में मंत्रियों और विधायकों के संक्रमित होने की प्रतिशत ज्यादा है। अगर कुल संख्या के मामले में देखें तो महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के मुकाबले यह कम है। उत्तर प्रदेश में तो कोरोना से दो मंत्रियों की मौत हो भी चुकी है।
अभी तक झारखंड में जल संसाधन मंत्री मिथिलेश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा विधायकों की बात करें तो बीजेपी के सीपी सिंह और आलोक चौरसिया, जेएमएम के मथुरा प्रसाद महतो, कांग्रेस की दीपिका पांडे, और आजसू के सुदेश महतो और लम्बोदर महतो कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता 18 अगस्त को संक्रमित पाए गए थे। वहीं बादल पत्रलेख में रविवार को संक्रमण की पुष्टि हुई और वे होम आइसोलेशन में थे। जल संसाधन मंत्री मिथिलेश कुमार को रिम्स में भर्ती किया गया था और नेगेटिव आने पर उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। वहीं मथुरा महतो और सीपी सिंह भी इलाज के बाद ठीक होकर घर चले गए। वर्तमान में दो मंत्री और तीन विधायक होम आइसोलेशन में हैं।
सदस्यों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद कामकाज पर पड़े असर को स्वीकारते हुए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो कहते हैं कि अधिकांश समितियों की बैठकों को स्थगित कर दिया गया है। हमने एक सप्ताह पहले बैठकें फिर से शुरू की थीं, लेकिन हाल के दिनों में कई समिति के अध्यक्ष और विधायकों में कोरोना की पुष्टि हुई है।
कोरोना का इलाज करा रहे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को रिम्स के डॉक्टरों ने सलाह दी कि आप बात व काम न करें और स्वास्थ्य लाभ लें। बन्ना गुप्ता को खांसी, सिरदर्द के साथ बुखार भी था, जिसके कारण वे पिछले दो दिनों से कोई फाइल वर्क नहीं कर पा रहे थे। हालांकि स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री के अस्पताल में भर्ती होने से अभी तक कामकाज प्रभावित नहीं हुआ है।